यानी कि? फिर मैं उल्टे लायक हूँ? क्योंकी? पेपर कागज लिए? रिसाइकिल हो? करके उसको दोबारा से कागज बना सकते हैं? तो वहाँ से प्रार्थना करता है कि मैं ऐसी किताब में लग जाऊँ? कि मैं न तो पेज फटे? उसमे से और सुरक्षित रहे? और वो पढ़ा। दोस्तों। कहने? का मतलब यही है? कि जिंदगी रही है। इस माध्यम से बताने की कोशिश की गयी है कि मैं किसी किताब ऐसी किताब में, विश्व पुस्तक में लग जाऊं? और युगो, युगो, युगो तक पढ़ा जाऊँ। दोस्तों फिर मिलेंगे 1 नई कविता के साथ धन्यवाद।