Piyush Goel
@piyushgoel10267 · 3:58
ज़िंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जिओगे, एक दिन हारा हुआ महसूस करोगे.
दोस्तों नमस्कार 1 बार फिर साथ दोस्तों मैंने पुस्तक सोचना पड़े उसमें टोटल 110 सोर्स है प्यारे लगते है मैं हर बार बार बोलता हूँ क्यूंकी उनके फोर्स के अन्दर बड़ा सेंस सेंस के थोर्स में सेंस तो होता ही है मुझे मेरे को बड़े बड़े दिल के करीब है फल की च्चा रखने वाले फूल नहीं तोड़ते शब्दों पर जरा ध्यान दीजियेगा और रिलेट कीजिएगा फल की इच्छा रखने वाले फूल नहीं तोड़ते समझो फल और फूल फूल के बाद आता है फल और जिंदगी में हर कोई होना चाहता है सफल अगर फूल तोड़ लेगा तो फल कैसे मिलेगा तो यह फल की इच्छा रखने वाले फुल नहीं तोड़ते और जिंदगी को अगर जीना है जिंदगी को अगर जीना है जीने चलने पड़ेंगे दोस्त जीने चढ़ने पड़ेंगे बिना जीने चले मंजिल पर नहीं पहुंच पाओगे पहली मंजिल दूसरी मंजिल री मंजिल हर जगह लिफ्ट नहीं होती दोस्त दोस्त अगर जिंदगी को जीना है जिन्हें जलने पढ़ेंगे दोस्तों याद रखना 3 चीज काम करती है नीति नियम और नीयत अगर आपके काम करने की नीयत है सफलता के दरवाजे आपके सामने है अगर नीयत नहीं है टालने से काम चलने वाला नहीं ही है और न ही नीति नियम काम करेंगी क्योंकि आपकी नीयत नहीं है तो दोस्तों याद रखना अगर आपकी नीति नियम नीति नियम और नीयत काम करने की नियत है सफलता के दरवाजे आपके सामने है नीति नियम बनाने से कुछ होने वाला नहीं है और आखिरी में आखिर क्या जिंदगी को अगर जियोगे जिंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जियोगे 1 दिन हरा महसूस करोगे दोस्त याद रखना बहुत इम्पोर्टेंट बहुत काम की बात है जिंदगी को अगर किसी का सहारा लेकर जियोगे 1 दिन हारा हुआ महसूस कर करोगे और आखिर में जो मेरा बहुत ही फेवरेट है बहुत लोगों को पसंद है मैं 1 दिया हूँ मेरा काम ही चमकना हो सकता है मेरी रोशनी क* हो लेकिन दिखाई बहुत दूर से दूंगा मैं दिया हूँ मेरा काम ही चमकना हो सकता है मेरी रोशनी क* हो लेकिन दिखाई बहुत दूर से दूंगा फिर मिलेंगे 1 नए शो 1 नए विचार के साथ यस जय हिन्द वंदे मात्रम आयल इंडिया।
नमस्ते सर बहुत अच्छा लगा आपकी बुक के बारे में सुनकर और आपके कोर्ट सुनकर बहुत ही रियलिस्टिक और लाइफ से रिलेटेड है ऐक्चवली में मैं जरूर पढूंगी आपकी बुक तो सोचना तो पड़ेगा एंड मेरी मम्मा ने बहुत सारे कोर्ट मुझे आज तक बोल आई हैं डेली लाइफ में समझाने के लिए और मुझे लाइसेंस देने के लिए तो ये जो नीयत वाला कोर्ट आपने बोला न नीयत नीति और नियम वाला ये ये स्पेशली मेरी मम्मा इसके बारे में मुझसे बहुत बात करती हैं वो बहुत बार बोलती हैं कि जिस इंसान की नीयत अच्छी नहीं होती न जिस इंसान की काम करने की नीयत नहीं है वो जिंदगी में कुछ नहीं बन सकता तो बहुत अच्छा लगा सुनकर और मैं आपकी बुक जरूर पढूंगी थैंक यू सो मच थैंक यू अशानी फॉर इनवाइटिंग मी टू दिस वेल।