गरीबी को शायरी के लिवाज में लपेट लिया भूखे नंगे को शब्दों से बने आंचल में छिपा दिया अपाहिजों का सियाही से शिंगार करा दिया कलम कैसे कैसे कर्म करवाती है कवि के हाथों हर दर्द को 1 खूबसूरत तोहफा बना दिया
गरीबी को शायरी के लिवाज में लपेट लिया भूखे नंगे को शब्दों से बने आंचल में छिपा दिया अपाहिजों का सियाही से शिंगार करा दिया कलम कैसे कैसे कर्म करवाती है कवि के हाथों हर दर्द को 1 खूबसूरत तोहफा बना दिया