जिनके जुआं पे रूमी दिल में ओशो और होंटों पे गालिब सवार है उनको बातों की गहराई से नहीं शब्दों के प्रयोग से प्यार है ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं पर उसे जीवन में उतारने से इनकार है जब तक 1 भी दिल में नफ़रत 1 भी पेट भूखा 1 भी आँसू दर्द के टपके इन ऊँचे विचारों के पंख लगाकर आकाश में उड़ना बेकार है