हम कहना तो चाहते थे लेकिन कह न पाए चुप रहकर हम बोलते रहे और चुपचाप जल्दी काश आपने भी सुन लिया होता जरा गौर फरमाया होता इतनी तो आवाज थी हमारे खामोशी में

A short poem

0:00
0:00