जहर भर रहा है। इंतजार में। बैठा तन्हा पलपल आँखें सिर्फ। ansu न जाने कब? किसके इतने मोहताज हो से मरना चाहे।
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 0:41
ह**ो? सर? आपकी पंतियाँ। बहुत अच्छी है। कि खुद से। अगर मरना भी चाहे? तो? मौत कहाँ आती है? लास्ट लाइन में। आपकी। 4 पंथियों की जो कविता है या शायरी है, उसकी लास्ट लाइन। मुझे। बहुत पसंद। कब किस के तने मोहताज हो गए हैं? बिल्कुल? सही बात है? क्या? हम कभी कभी किसी के ने दूर हो के इतने करीब हो जाते हैं? कि उसके बिना बनना भी आसान नहीं होता? बहुत खूबसूरत बनती? या? इसी तरह? लिखते रहिये? और सुनाते रहिये? थैंक?