Nita Dani
@NitaDani555 · 2:27
भाग-दौड़, Instant Work
नमस्कार सुनने वाले श्रोताओं आज मैं पेश करती हूँ अपनी 1 रचना जिसका शीर्षक है भाग दौड़ इंस्टेंट वर्क हर तरफ भागता दौड़ता है आदमी हर तरफ भागता दौड़ता है आदमी जहां तक नजर घुमाओ हर 1 शख्स पकड़ने को तैयार है जैसे कोई छूटती रेल हर 1 को मंदिर पर जाने की है हर बड़ी हर कोई 1 दूजे पर है सवार करने को 1 दूजे का शिकार उम्र भी भाग रही है तेज रफ्तार उम्र भी भाग रही है तेज रफ्तार वृद्ध खोजता है युवा कंधे का संबल नहीं बचा अब धैर्य की कर सके कोई इत्मिनान से बात सहज पके सो मीठा होए बात हो गई है पुरानी अब तो 2 मिनट में तैयार होने वाली नूडल ही सबको भाती है आली सहज पके सो मीठा होए बात हो गई पुरानी अब तो 2 मिनट में तैयार होने वाली नूडल सी है सबको भाती आली भिगोया धोया और हो गया भिगोया धोया और हो गया आज के जमाने का है नया वर्सिंग फंडा आभूषण बनने लगे हैं प्रेम की कसौटी आभूषण बनने लगे हैं प्रेम की कसौटी सेक्स को बताया जाने लगा है श्रम और वैश्याओं को मिला नया नाम सेक्स वर्कर तेज रफ्तार वाहनों के बीच महानगर की भीड़ में कभी अचानक से जो दिख जाती है बैल गाड़ी जिसे खींचते मनुष्यता के पुराने साथी 2 बैल जीवन के सभी शानदार रास्ते समाप्त हो जाते शमशान तक 1 कब्र तक जाकर अतीत बनी तस्वीर को 1 फ्रेम में जड़ कर और हार पहना कर कर ली जाती है अपने कर्तव्यों की इति श्री थैंक यू
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:18
बहुत ही अच्छी कविता है। भागदौड़। आपने बहुत ही अच्छी तरह से जीवन के भागदौड़ को प्रस्तुत किया है। धन्यवाद। इस कविता के लिए। आप ऐसे ही हमारे साथ स्वेल शेयर करते रहे। थैंक यू।