Nikhil Kumar
@nikhil5155 · 0:24
Jaha sirf sakoon hoga
gudnsहoयारीजाna? कु तो है? मैं खुद को ढूंढ पा रहा हूँ। न? मंजिल को? न जाने। ये खा ले। जाएगा? नहीं? जानता? कहाँ? और किस? मोड़? पर? रुका? बस? उस पल का इंतजार रहेगा? जहाँ सिर्फ कौन होगा?
Nikhil Kumar
@nikhil5155 · 0:59
हाई अवनीत थैंक्स नोटिस होने के लिए। फर्स्ट ऑफल। बात करूँ सुकून की? तो थिंक सुकून को मिल जाता है पर वो डिपेंड करता है। ac्tulमेचाेaक्lी। सबसे बड़ी बात ये कि अगर खुद को समझ जाते हैं कि हम क्या हैं? अपने अंदर की दुनिया को? खुद के? जो हमारा वर्ल्ड है। हमारे अंदर। जो हम हैं वो उस चीज को हम समझ जाते हैं। तो आई थिंक सुकून मिल ही जाता है इंसान को। और आई थिंक। सबसे डिफिकल्ट पार्ट लाइफ का यही है कि खुद को समझना है। और जब ये चीज हम कर लेते हैं आई थिंक? तो मैं भी।