तो उनके कमल चरणों में खुद को समर्पित कर दें। खुद के प्रेम को समर्पित कर दें? बस? इससे बड़ी और कोई चीज नहीं है। इस दुनिया में। जिसको गुरु मिल गया उसको सब कुछ मिल गया। और यह बात एकदम सत्य? क्योंकि गुरु ने अपने अनुभव से, अपने परिश्रम से, अपनी पूरी जिंदगी में इतना कुछ अर्जित किया होता है। गुरु ही हमें परमात्मा से मिलाते हैं। हम गुरु के बिना कुछ भी नहीं है। हमें इस लाइफ में। फिजिकली। हमारे सामने हमारे गुरु आ जाएं? तो बहुत अच्छी बात है। नहीं? तो हम यूनिवर्स से ब्रेक कर के भी अपने गुरु मान सकते हैं।