नन्द गोपाल दास
@NGD · 0:32
Lankha dahan # kavitavali
पानी, पानी, पानी सब रानी कुलानि कहें जाति है, पराने गति जाने चाली है। बस सारे मनि भूषन संभारत न आनन सुखाने कहें हूँ को पाली तुलसिमदोवमिजिहत धन मात कहे कहूँ कान कियो कहियो के तो काली है, बाबू रे विभूषण पुकार बार बार कहियों बानरुबड़ीबलाए घने घर घाली है।