सहम जाता जिशक्तीपलकों से इंद्र धनुष की ओर देखा, फिर नजरें मिलाते सूरज की किरण से पूछा, क्यों घबराऊं मैं, जब मुझमें ही धनक है छुपा असंख्य रंगों के बीच मेरा दामन है पाक भरा धन्यवाद।
सहम जाता जिशक्तीपलकों से इंद्र धनुष की ओर देखा, फिर नजरें मिलाते सूरज की किरण से पूछा, क्यों घबराऊं मैं, जब मुझमें ही धनक है छुपा असंख्य रंगों के बीच मेरा दामन है पाक भरा धन्यवाद।