@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 1:33

आज हम सब अकेले हैं यही जीवन की सच्चाई नज़र आती ।सबको अपना दुख बड़ा और दूसरें का दुख छोटा लगता है आज सबको बस अपनी पड़ी है.... क्यों

article image placeholderUploaded by @NEELAM
ह**ो पहले मैं आपको अपनी 1 कविता आपको सुनाती हूं फिर हम उसके ऊपर चर्चा करेंगे मुझे तो अंधेरों ने बहकाया है तब मैंने खुद को ही दीपक बनाया है रोशनी दिखाने वाला देने वाला कोई न था मैंने तो खुद को ही तेल बन जलाया है मुझे तो अंधेरों ने बहकाया है दिवार भी न मिली जिसे पकड़कर आगे बढ़ सकूँ कुछ कह सकूँ कुछ सुन सकूं मैंने अपने तन को ही रुई बन जलाया है मुझे तो अंधेरों ने बहकाया है पैरों में बहुत ठोकरे लगी कभी गिरे कभी खुद ही चले संभलने लगे मुझे तो खुदगर्जों की बेरुखी ने चलना सिखाया है मुझे तो अंधेरों ने बहकाया है अपने जीवन को अपनी मेहनत की रौशनी से चमकाया है विराम सी पड़ी हवेली को अपनी कला से ही सजाया है मुझे तो अंधेरों ने बहकाया है तब मैंने खुद खुद को ही दीपक बनाया है तो क्या कहना है सबका इस बारे में क्योंकि सच में ही आज हम सब बहुत ज्यादा नोनी फील करते हैं अकेला फील करते हैं बहुत मेहनत करते हैं और चारों तरफ ऐसे सही लोग हैं भी नहीं बहुत ही क* खुशकिस्मत लोग होंगे जिनको सही लोग मिले साथ देने वाले लोग मिले तो आप बताएं प्लीज इस सब के बारे में आपको कैसा लगा मेरा यह मुद्दा।

#swell #iam #like #speech

@Anastasia_9
Divya Bhatia
@Anastasia_9 · 0:42

@NEELAM

हे? सो? मेजिंग सेल कास्ट? ये होता है ज्यादातर लोगों के साथ कि वो हमेशा अकेले खड़े होते हैं एंड उनके पीछे उनको बैकअप देने वाला कोई भी नहीं होता है। तो वो बहुत ज्यादा लोनली फिल करते हैं। एंड योर पोयम वज ग्रेड। एंड पोयम से? जो मुझे समझ में आया की मैंने खुद ही अपने आप के लिए दीपक जलाया है। एंड मैं खुद ही दीपक बना? क्योंकि मेरे आगे पीछे इतना अंधेरा था, लाइक? पीपल। और शो। लोग ऐसे थे कि उन्होंने कुछ साथ नहीं दिया।
@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 0:16

@Anastasia_9

थैंक यू सो मच आप मेरे साथ आए मेरे पोयम को सराहा आपका बहुत बहुत बहुत धन्यवाद मैं आपके लिए और भी ऐसी पोयम लेकर आउंगी आप मेरे साथ रहना हम भी आपका साथ देते रहेंगे थैंक यू।
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