@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 1:19

"मन मृग हुआ ढूंढा रहा सुकुन के पल "

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तो ये थी मेरी पोयट्री आज की। और। जैसे कि इसमें मैंने लिख बोला है, दुनिया के रंग बदल रहे हैं। तो ये आजकल के जीवन की सच्ची। कडप? कड़वी? सच्चाई है? जो मैंने इस कविता में? कही है? तो आई होप आपको पसंद आएगी।

Written me Neelam singh 😊 #poterymoth #hindikavita #writingpoetry #book #author #relationships

@PSPV
Prabha Iyer
@PSPV · 1:06
नमस्ते? नीलम। आपने। जो कुछ कहा। सही। कहा। दुनिया की रंग बदल रही है। और इसके कारण हम मनुष्य ही हैं। हम इतना रंग बदलते हैं। और पता नहीं कभी कभी डर के मारे ऐसे बिहेव करते हैं। कभी कभी पॉजिसिव नश होने की वजह से ऐसा होता है? तो कभी दुश्मनी होने की वजह से ऐसा होता है। हम कभी सही रहे? तो कोई कुछ कुछ खराब नहीं होता है। किसी की न? हमारी होगी। आपने। बहुत सही कहा। दुनिया का जो है। रंग बदल रहे हैं। और मन मृग बन रहे?
@NEELAM
Neelam Singh
@NEELAM · 0:10

@PSPV

थैंक यू प्रभाजी? थैंक यू सो। मच। आप हमेशा मेरा साथ देते हैं, एप्रीसिएट करते हैं। इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। दिल से।
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