Neelam Singh
@NEELAM · 1:36
"भाग कर किधर जायेंगे " (कविता)
सारी? हमें तो करनी होगी लड़ने की तैयारी। जिसने घुटने टेक दिए, वो रहता है? वो रोता? रहता है। जिंदगी सारी जीना? अगर तू चाहता है? आगे बढ़? वक्त भी तो यही चाहता है? तेरा कर्म ही, तेरा भाग्य बनाएंगे। तेरी मेहनत से ही किस्मत के सितारे? चमचमाएंगे? वक्त लगेगा पर संभल जाएंगे, तुझ से भागने की सोचेंगे भी। तो ऐ जिंदगी भाग कर किधर जाएंगे?
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:28
तो जब तक हम जिंदा हैं जब तक हमारी सास से चल रहे। निभाना होगा। इस जिंदगी के साथ। हमें चलना होगा। चाहे सुख हो? हो दुख हो हम गिरे। हमें जख्म। लगे। हमें सीना है। हँस के उठना है। कहाँ? कहाँ हम भागेंगे? जिंदगी? किस रास्ते से? यही हमारी जिंदगी है। यह हमारी डेस्टिनी है। और आपने 1 मोटी फेशनल कविता लिखी है। जो बहुत लोग जो अपनी लाइफ से निराश हो जाते हैं। उनके लिए बहुत बहुत अच्छी कविता है।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:25
नमस्कार? ज्योत्सना जी। और आपने। मेरी। कविता को इतना सराहा। उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। क्योंकि हम कितना भी अच्छा लिखते हैं। लेकिन उसे परखने वाला, समझने वाला जरूर होना चाहिए। जो कि आप में 1 पर्क है। आप 1 अच्छे तरीके से जानती हैं। कविता का मकसद? तो उसके लिए। आपको बहुत बहुत बधाई। और बहुत बहुत धन्यवाद। आपका।