Neelam Singh
@NEELAM · 1:43
औरत का लॉक डाउन' #potery
पग गए? तुम? लॉकडाउन से। पर? मैं अपना लॉकडाउन तो कभी तोड़ ही नहीं? पाए? ज्यादा? पढ़ लिख कर? नौकरी? तो नहीं कर? पाई? इसलिए तुम्हारी बिना मर्जी के घर की दहलीज भी तो नहीं? लग? पाई? थक गए हो? तुम? मांस लगाकर? थक गए हो? मांस लगाकर? जो। औरत का? सर से पल्ला रखने पर भी मुंह बनाते थे। मैं। तो? मर्द हूं। तुम? औरत हो। यह। कह कर? बात बात पर उतर आते थे।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 0:46
नमस्ते। नीलमजी। लॉकडाउन के विषय में। बहुत ही बेहतरीन बात। कही। आपने। औरत का लॉक डाउन। सत्य है। हम औरतें रूड़ीवादिता परंपराएं। रिति रिवाजों के नाम पर। 1 प्रकार के लॉकडाउन में बांध दी जाती है। पर पहले माता पिता के घर में बाद में। ससुराल में। बहुत ही अच्छे विषय पर बात किया। आपने। आपकी हिम्मत की दाद देती हूं। मैं कि आपने ऐसे विषय पर बात करना जरूरी समझा। जिस विषय को हम हमेशा निगलेक्ट कर देते हैं। और उस विषय पर खुल कर हम बात नहीं करना चाहते हैं।
Neelam Singh
@NEELAM · 1:04
थैंक्यू सो मच बिपिन जी आपके रिप्लाई के लिए। और और आपने कहा कि ऐसे मुद्दे उठाने के लिए। तो मैं ये कहूंगी कि जब तक हमें आप जैसे कदरदान नहीं मिलते तो हमारा लिखना भी व्यस्त हो जाता है। तो मैं 1 बार फिर से आपको धन्यवाद देना चाहूंगी और साथ ही यह भी कहूंगी कि कि आप हमारे साथ बने रहिये। ऐसे ही। और आपको हर रंग की कविता देने का मैं वादा करती हूं। मैं अच्छी। कविताएं। एकदम जो समाज का रूप होता है। जिसमें समाज के विषय होते हैं। वह मैं लेकर आती रहूंगी।
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:09
बहुत ही मीनिंग फुल थामा। और सच में ये सोचने वाली बात ही है। हमें इन चीजों पर सीरियसली विचार करना चाहिए।
ब* वक्त क* लग जाएगा। कई बार ये शायरी के तौर पर। मैं तो कहता हूं कि 1 औरत 1 शाहरी है। 1 कविता है। जितना जानोगे उतने ही शब्दों में उसे पहचानोगे। और उसकी और खूबसूरती आपको। पहचानने? जानने में मिलेगी।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:19
थैंक यू रोहित जी आपकी इस सहराना के लिए और आपकी बातों से लगा कि आप का बहुत सम्मान करते हैं। तो उसके लिए भी आपको बहुत बहुत बधाई के आप इतने नेक इंसान हैं? सो थैंक यू सो मच।
Neelam Singh
@NEELAM · 0:42
थैंक? यू प्रिया। ये सोचने वाली बात तो है ही कि औरत का लॉकडाउन कभी खत्म नहीं होता? या खत्म हो ही जाता है। लेकिन बहुत क*। औरतों का? हमें। हम भी। 1 औरत है। और मैं हर 1 मर्द से। सिर्फ। यही अपेक्षा करेगी कि वह औरत का सम्मान करें। आजकल औरतों पर? जोक्स बहुत बनते हैं, पर औरत की गहराइयों को भी समझें। जोक्स बनाने की जगह और उनका सम्मान करें। ये आप भी चाहेंगे, मैं भी चाहूंगी।