nayan tara
@nayantara · 4:38
Bahut khoobsoorat ho tum ,Nazm written by Shayar Tahir Faraz
गुड ईवनिंग दोस्तों मेरा आज का स्वेल 1 बहुत खूबसूरत शायरी जो कि मेरी फेवरेट गजल कह सकते हैं आप सब उर्दू शायर है ताहिर फराज साहब उनकी लिखी हुई गजल है ये और मैं बहुत खूबसूरत अंदाज में इसको पढ़ता पढ़ने की हूँ कोशिश करती आई हूं हमेशा और अभी भी बिना एडिट के पढूंगी कोशिश करूंगी फ्रोलेस रहूं जिस गहराई से जिस सुक** से जिस मोहब्बत से जिस कशिश से मैं उसको पढ़ती हूं वो अंदाज आपको महसूस हो और आप सबको बहुत पसंद आए तो सुनिएगा और अपने रिएक्शन जरूर दीजिएगा मुझे पूरी उम्मीद है मेरा इस गजल को पढना आप सबको बेहद अच्छा लगेगा तो और फरमाए बहुत खूबसूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो हो तुम कभी मैं जो कहदू मोहब्बत है तुमसे कभी मैं जो कहदू मुहब्बत है तुम से तो मुझको खुदारा गलत मत समझना कि मेरी जरूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम है फूलों की डाली ये बाहें तुम्हारी है फूलों की डाली यह बाहें तुम्हारी है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी जो काटे हूं सब अपने दामन में रख लो सजाओं में कलियों से राहें तुम्हारी नजर से जमाने की खुद को बचाना किसी और से देखो दिल मत लगाना की मेरी अमानत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम कभी जुगनुओं की कतारों में रोड़ा चमकते हुए चांद तारों में ढुड़ाखजाओं में ढूड़ा बहारों में ढूड़ा मचलते हुए आप शाहरों में ढूंढ़ा खजाओं में झोड़ा पहाड़ों में ढोडा मचलते हुए आप सारों में ढूंडा हकीकत में देखा फंसाने में देखा न तुमसा हसी इस जमाने में देखा न दुनिया के रंग रंगीन मेहफिल में पाया जो पाया तुम्हें अपने दिल ही में पाया न दुनिया की रंगीन में फिल् में पाया जो पाया तुम्हें अपने ही दिल में पाया 1 ऐसी मसर्रत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम है चेहरा तुम्हारा के दिन हैं सुनहरा और इस पर ये काली घटाओं का पहरा गुलाबों से नाजुक महकता बदन है ये लब हैं तुम्हारे की खिलता जमन है बिखेर सु जुलभेतोशर्माए बादल फरिश्ते भी देखें तो हो जाए पागल वो पाकीजा मूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम जो बन के कली मुस्कुराती है अक्सर शबहिज्रमें जो रुलाती है अक्सर जो लमहूहीलमहूं में दुनिया बदल दे जो शायर को दे जाए पहलू गजल के छुपाना जो चाय छुपाई जाए भुलाना जो चाय ए भुलाई न जाए वो पहली मोहब्बत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम वो पहली मुहब्बत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम सच कहो दोस्तों जब यह गजल था जायर फराज ने लिखी होगी अपनी महबूबा को सामने रखा होगा 11 उसके जिक्र को किस खूबसूरती से उन्होंने कहा है कि बस इस गजल से ही मोहब्बत हो जाती है और आप भी मेरी इस बात से तेफाक रखते होंगे कि वाकई में बहुत बहुत प्यारी गजल है यह तो अपने रिएक्शन दीजिएगा अपने रिप्लाई जरूर करिएगा लोग सिर्फ इसको पसंद करके छोड़ देते हैं तो कई बार मुझे अफसोस भी होता है कि कुछ बेहद अच्छी पोस्ट पर सिर्फ लाल दिल नहीं बनाना चाहिए उस पर रिएक्शन भी देना चाहिए हौसला अफजाई होती है जो भी वो स्वेल पोस्ट कर रहा होता है क्योंकि अगर आप 1 दूसरे को सराहेंगे नहीं तो हौसले पस्त होने लगते हैं सभी के ऐसा आप भी मानते होंगे चलिए इसी के साथ शुभ रात्रि और खयाल रखिये जहां के लिए खुश रहिए शक है।
sushil Verma
@sushilkumar · 2:01
मैं तारा भी बहुत ही खूबसूरत अंदाज में आपने पढ़ी है और बहुत शानदार है मुझे नहीं पता था इस तरीके से भी ये पढ़ी जाती है और सो गया है तो अपने अपने अंदाज है आपने बहुत अच्छी तरीके से इसको पढ़ा है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है सुन के क्यूँकी मैं तो गाता ही आया हूँ इसलिए मुझे इसको गाना ही पसंद है मैं इसको रात को सोते टाइम या कभी भी जब मन थोड़ा सा उदास हो गया कुछ तो ये या तो सुनता हूँ या गुनगुनाता हूँ तो मुझे बहुत पसंद आती है और आपने फिर से बड़ी है तो मेरी फिर से इच्छा हो गई 1 अंतर इसका गाना चाहूंगा मैं है फूलों की डाली ये बाहें तुम्हारी है खामोश जादू न गाहे तुम्हारी है फूलों की डाली ये बाहें तुम्हारी है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी जो काते हो सब अपने दामन में रख लूँ सजाऊं में कलियों से राहे तुम्हारी नज़र से जमाने की खुद को बचाना नज़र से जमाने की खुद को बचाना किसी और से देखो दिलना लगाना ये मेरी जमानत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम बहुत खूब सूरत होती बहुत खूब सूरत होती थैंक यू।
himanshu mathur
@himanshu166 · 1:13
फिक्स होता है कि उसमें शेर होते हैं जिनमें हमेशा 2 ही मिसरे यानि 2 लाइनें होती हैं। और रदीफ और काफी आता है हर शेर में। और ये स्ट्रक्चर कभी चेंज नहीं होता है। 789 शेर 10 शेर हो सकते हैं। और जो ऐसे जो आपने भी पढ़ी नज्म उसमें कितनी भी लाइनें हो सकती हैं। और वो नज्म के रात है गजल नहीं कराती है। तो अगर आप यह ठीक कर देंगे अपने कहने में कि यह नजमहताइरसआपकी बहुत खूबसूरत तो और अच्छा आपका सेल हो जाएगा शुक्रिया।
nayan tara
@nayantara · 1:39
गुड? aftrnmhiaशu? थैंक? यू? सो? वेरी? मच? मेरी गलती? मुझे बताने के लिए? इसको मैं का वक्त मिलते सुधारने की कोशिश करूंगी? कल इसको पढ़ रही थी? मैंने? to me to a i? इसको गजल? बोल रही हूं? शायद ही कहना ठीक नहीं लग रहा था? और मेरे साथ दिक्कत क्या है? कि मैं बिना एडिट के अपनी कोई भी चीज रिकॉर्ड करती हूं मुझे बीच में रुक के फिर एडिट करूं सही करूं? मुझे पसंद नहीं आता? तो मैं 1 बार स्टार्ट करती हूँ? और पूरी पोस्ट? या पूरा स्वेल? जब तक एंट नहीं होता तो मैं करती रहती हूं?
Saumya Joshi
@thehilarytales · 0:58
ह**ो नयन? तारा जी नमस्कार? मैंने जो आपने ये गजल सुनाई वो मैंने पढ़ी। और मे को सचमुच। ऐसा लगा जितनी प्यारी गजल थी उतनी ही प्यारी आपकी आवाज थी। ये गजल। मैंने अभी आज पहली बार सुनी। और मेरे को लगता है कि मैं इसे 12 बार और सुनुंगी। क्योंकि जो इसके जो इसके वर्ड्स हैं, जो शायर ने लिखे हैं वो बहुत प्यारे हैं सच में। और ऊपर से आपकी। आवाज उसे और खूबसूरत बनाती है। तो आई वुड से कि आपने सच में बहुत प्यारा बोला? और बहुत अच्छे से हर 1 शब्द को एक्सप्लेन एक्सप्लेन तो नहीं?
Swell Team
@Swell · 0:15
himanshu mathur
@himanshu166 · 0:41
गुड? ईवनिंग? इसमें बिल्कुल भी फिक्र करने की परेशान ने की? जरुरत नहीं है।