हेलो दोस्तों। कैसे हो? चंद? लाइनें हैं आपके लिए। शायद। आपको? पसंद। आएंगे। मैंने। नदी से सीखा है। जो तुमसे भी छोड़कर किसी और में जाकर घुल जाए। वह हमेशा खारा होता है। और समंदर से सीखा है। कि जो किनारों से टकरा कर भी लौट आए। बस? वही तुम्हारा होता है। वो दिल ही क्या? जो टूटे न? वो जिंदगी ही क्या? जो बिखरे न? वो अंधेरी रातें। जहाँ पर सिर्फ गीले तक होते हैं। न? और आप। सिर्फ?