और जरूरत पड़ने पर इसके काम में सहायता भी करेंगे। जूते पॉलिश करने वालों के दल में आपसी, प्रेम? सहयोग? एकता तथा मानवता की ऐसी ऊंचाई देखकर वे सज्जन चकित रह गए और खुशी से उसकी पीठ थपथपाई और सोचने लगे। शायद इंसानियत अभी तक जिंदा है?
इतनी छोटी उम्र में भी। लोग बच्चे? इतने कुछ समझ रहे है? और संभाल रहे हैं? और इंसानियत दिखा रहे हैं। पर हम लोग हैं? जो 1 दूसरे से वार कर रहे हैं? पीठ पीछे वार कर रहे हैं? और 1 दूसरे से कॉम्पटीशन। 1 दूसरे को कॉम्पिटिशन समझ रहे हैं? और 1 दूसरे की खुशी छीनने की कोशिश कर रहे हैं? तो हमें भी यह समझना चाहिए कि साथ साथ चलने से सब कुछ कर सकते हैं। और सब कुछ ठीक हो सकती है। और साथ साथ चलने से बहुत कुछ बन सकता है।
Shobhana Nair
@nairshobs · 0:45
गुड मॉर्निंग श्री गौरी। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपने हमारे स्व को पढा और आपने अपनी प्रतिक्रिया बहुत ही खूबसूरत ढंग से व्यक्त की है। बिल्कुल सच है। आज की तारीख में हम लोग इंसानियत को भूलते जा रहे हैं। और ये देखो छोटे छोटे बच्चे कितना ही कमा लेते होंगे, वो फिर भी इतना बड़ा दिल रखते हुए वो 1 दूसरे की मदद कर रहे हैं। 1 दूसरे की मजबूरी समझ रहे हैं। कितनी बड़ी बात है? और ये डेफिनिटली हमारे लिए बहुत अच्छी सीख है कि हम बहुत कुछ नहीं कर सकते? जितना हम छोटा ही सही पर किसी की मदद करें तो कितनी अच्छी बात है? ये है ना? थैंक? यू? सो? मच?