@munnaprajapati1
Meri Lekhani
@munnaprajapati1 · 1:18

बहोत रोय़ा वो शक्श परदे के पिछे ... 😰💔👉✅... #writer मुन्ना प्रजापती @meri_lekhani_

article image placeholderUploaded by @merilekhani123
जीने के लिए। क*ाना भी जरुरी है। हमें भी। मालूम है। हमारी। मुहब्बत। अभी। अधूरी है। मैं भी। क्या कर? चला? आया? प्रदेश। गुर्बत में। खींचे। बहुत रोया। वह। शख्स पर्दे के पीछे। अभी तो। कुछ ही दिन हुए थे। उसको। आए हुए। नए लोग। नए परिवार को अपनाये हुए। रोहतक। मुहब्बत। वो हमसे करती थी। हर रोज। मेरे लिए। वो। सजती थी। सवरती थी। अभी तो। सावन ने वाला था। रिमझिम। बरसात।

बहोत रोय़ा वो शक्श परदे के पिछे ... 😰💔👉✅... #writer मुन्ना प्रजापती @meri_lekhani_

@HemaSinha1978
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 1:28

#collegevoiceindia #poetsofswell #swellcast

सही में। जब पति जो है। नौकरी के लिए। बाहर जाता है। शादी के बाद। तो नई नई पत्नी के लिए। सब कुछ नया माहौल होता है। नया परिवार। होता है। उसमें समायोजन। बैठाना। सही में। 1 परीक्षा के बराबर होता होता है है। और इस दौर से गुजरना पति के लिए भी कोई आसान बात नहीं है। यह तो 1 जैसे फौजी अफसर की तरह ही है। जैसे कोई फौजी जाता है। बॉर्डर पर। घर परिवार छोड़ के। और परिवार वालों को। पत्नी को। सबको। वो समय। गुजारता ना है। होता है। और सही बताऊं। आपने इसके का। इसके लिए। शब्दों का चयन बहुत सुंदर करा है। बहुत सुंदर तरीके से शब्दों में बांध कर कविता को पेश किया है।
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