@moonie21
Chandni Baid
@moonie21 · 2:02

ये ज़िंदगी मुझे थोडी बुराई सिखा !!

article image placeholderUploaded by @moonie21
ऐ जिंदगी। मुझे भी थोड़ी बुराई सिखा। गलत करके। मैं भी अकड़ कर। घमंड में। रहूं गलत करके। मैं भी अकड़ कर। घमंड में। रहूं। वो सलीका। सिखा।

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@Depressed_heart
Shiva Kant
@Depressed_heart · 1:17

@moonie21

हेलो? मैं नमस्कार? बहुत ही शानदार लिखा है। आपने? क्योंकि आज की जिंदगी में अधिकतर लोग मासूम विचारधारा रखने वालों को ठग लिया करते हैं। तो थोड़ा चलाक बनना। हर कोई चाहता है। पर हकीकत यह भी है कि जो स्वाभाविक तरीके से बिल्कुल नहीं सोच सकता। दूसरों का बुरा करना, चलाकियाँ करना? वो शायद कभी नहीं बदलता। वो वैसा ही रहता है। कोशिश करता है कि थोड़ी चलाकियां सीख जाए। और बहुत ही अच्छा लिखा है। आपने। संस्कारों को। मन से निकाल कर बाहर फेंक? सकूं? ऐसा?
@avantika202
Avantika Rabgotra
@avantika202 · 3:42
तो अपने अच्छे संस्कार करें, अच्छे से अच्छे काम करें। ताकि जाने के बाद भी लोग आपको याद करें। लेकिन थोड़ा सा ऐसे मंतर, ऐसे पाठ भी सीखें जिनसे आपको बुरा दिखे भी बुरा। सुनो। सुनो भी आप। और आप फर्क पर जान सके कि सही क्या है? गलत क्या है? क्या करना है? क्या नहीं करना? आपने बहुत ही अच्छी कविता लिखी। क्योंकि जो आजकल की जिंदगी है। और जैसे लोग जीते हैं उनके लिए बहुत ही प्रेरणा देने वाली और जागरूक करने वाली कविता है। ऐसे ही लिखते रहिए और हमें सुनाते रहिये। मेरे तरफ से आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@kadambarigupta
Kadambari Gupta
@kadambarigupta · 0:51
नमस्कार? मैं? मेरा नाम कदरी गुप्ता है? और मुझे आपकी कविता बहुत अच्छी लगी। बहुत बखूबी से आपने शब्दों का चयन किया और मैंने देखा कि आपने जो ये विषय चुना है कि मुझे भी थोड़ा बुरा सिखा। ये इतना अच्छा विषय है। मैं भी कई बार सोचती हूं कि रावण को अगर राम का हु कह पाऊं? ऐसे किसी को कुछ कर पाऊं? मतलब कि जो बुरा है उसको मैं कह सकूँ? जो अच्छा है? बुरे में भी अच्छा ही ढूंढ सकूँ। और मैं भी। कई बार बहुत सारी चीजें सोचती हूँ की नजरअंदाज कर पाऊं लेकिन मैं नहीं कर पाती।
@SoulfulSavarni
Soulful Writer
@SoulfulSavarni · 2:18
नमस्ते? मैं? हाँ? जिंदगी में हम बुराई देखते हैं? अच्छाई देखते हैं। और इन सब चीजों से लड़ते भी हैं। और जब हम बुराई से लड़कर। 1 अच्छाई साबित करते हैं अपने जीवन में। तो 1 अलग आनंद की अनुभूति होती है? रावण और राम। 1 अच्छाई है। 1 में। अच्छाई है? 1 में। बुराई है? पर क्या? बुराई? और अच्छाई? इसको कैसे? डिस्क्राइब कर सकते हैं? बुराई का ततपर्य क्या है? है? बुराई? जब हम गलत करें? गलत? बोले?
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