Sajan Kamalan
@MeraPyarShayri · 1:18
ख़ेल इश्क का🌹🌹
मैं। मैं। हर चाल में। उसकी क्यों फंसता रहा। वो कहती थी कि खुदा हो तुम मेरे लिए। वो कहती थी? कि खुदा हो तुम मेरे लिए। मैं उसकी हर बात पर इकरारे वफा करता रहा। टूटा जो दिल मेरा। फिर किसी मोड़ पर। टूटा जो दिल मेरा। फिर किसी मोड पर। मैं फिर उसी राह पर चलने के लिए। तरसता रहा। मैं फिर उसी राह पर चलने के लिए। तरसता रहा। थैंक यू? थैंक यू।
Jyotsana Rupam
@SPane23 · 1:09
गुड? मॉर्निंग सर। आपकी। 1 छोटी सी पोयम खेल। इश्क का बेहद ही खूबसूरती से लिखा गया है। इश्क का वो जताता गया। और मैं निभाता गया। खूबसूरती से। जो अपने स्टार्टिंग की हैं। और इन तक 1 प्यार में लोग क्या सोचते हैं? और उन्हें क्या मिल जाता है? बहुत अच्छे से। अपने छोटी सी कविता में। सजा के शब्दों को लिखा है कि मैं उसकी हर चाल में फंसता गया। आपकी यह लाइन मुझे बहुत प्यारी लगी। और आपकी कविता भी बहुत अच्छी है। ऐसे ही आप को लेकर। आइए और हमें सुलाते। थैंक यू।