a bat chahte ho fir se sone ki से झांकने का वही नजर दोगे क्या तेरी हर वो दापे में फिदा थी वादा वापस दोगे क्या तूने तो कह दिया भूल जाओ हमें लेकिन 1 वजह भूलने की दोगे क्या तेरी हर कही वो बातें आज भी दिल को खुशी देती हैं तो उसे नफरत में बदलोगे क्या है हम तो आज भी तेरे दीवाने हो पड़े हैं फिर से हमें नफरत करवाओगे क्या मना करते थे हम मोहब्बत से तूने रुहानी करवा दी अब इस मोहब्बत को छोडने का जरिया दोगे क्या हम जीना चाहते है और तुमने मौत दे दी हमें सजा में अब इस मौत को माफी दोगे क्या कैसे भूल जाएं हम तुम्हें नहीं भुला पा रहे बस उसे भूलने का जरिया दोगे क्या कहते लोग हमें बेवफा था भूल जाओ उसे फिर भी दिल नहीं मान रहा है तुम उसे समझाओगे क्या आँखों से रोज अश्क बहते हैं तेरी यादों से अभि को पोछने आओगे क्या तुझे मेरे गाल बहुत गुलाबी से लगते थे आज रोते हुए गुलाबी से हो रहे इन गालों की नमी को सहलाओगे क्या ये आँखें तुम्हें बहुत ज्यादा पसंद थी अभी आँखों में अश्क भरे हैं इन्हें पूछने आओगे क्या मोहब्बत आज भी हैं मेरे हुस्न की मेरे दीदार की और इस तरह की निगाह के इसे दीदार करवाओगे क्या हाँ चाहत है तुझ से और रहेगी हमेशा फिर से अजमाओगे क्या हम टूट के बिखरने के लिए भी तैयार है इस खबर को खोल पाओगे क्या मरना मंजूर है मैं पर तेरा जुदा नहीं कैसे समझाओगे इस दिल को केतु बहुत दूर है क्या वापस आओगे क्या वह मैं जी रही हूँ मैं आज भी तेरे के तू लौटेगा कभी तो इस वहम को फिर से खबरों में दफनाओगे क्या।