Mann se
@Mann-mannse · 2:45
Mai khalt o ghum ka paimana
god evening trends आज का स्व जो टॉपिक है 1 पोइट्री है जो मैंने लिखी है इसका जो जैसे उनवान हैं जो का थीम है बेसिकली जैसे कभी कभी क्या होता है लोगों को लगता है कि कोई व्यक्ति है जो बहुत ही हैप्पी है हैपनिंग है दूर से देखने में जैसे 11 लाइन मे बोले तो दूर के ढोल सो आने होते हैं बाहरी आवरण उनका बहुत ही खुशनमा बहुत ही अच्छा लगता है पर अंदर से वो व्यक्ति किस दौर से गुजर रहा है उसकी हकीकत क्या है जमीनी हकीकत वो कई बार बहुत ही अलग होती है तो इस 1 फील*** को लेकर कुछ लाइन्स लिखी हैं और अगर मीनिंग समझ न आये या किसी वर्ड का मीनिंग पूछना हो तो आप पूछ सकते हैं मेरी आवाज तो अच्छी नहीं है आई होप आपको को ट्री पसंद आए मैं कल तो वह का वो पैमाना हूं जो हवा के छूने से अच्छा लगता है मैं कल तो गम का वो पैमाना हूँ जो हवा के छूने से अच्छा लगता है भरी में की शय है किसे पता है लोगों को तो बस तजर ही झलकता है रश्क है कि समंदर में बैठे हैं हम रश्क है कि समंदर में बैठे हैं हम कभी किसी ने सोचा कि प्यास से गला सूखता है शिकायतें सबकी हैं तो मेरी भी है मगर हमसे सब अब कौन पूछता है पर हम हुए बैठे हैं सब शहर मेरे बरहम हुए बैठे हैं सब शरदाई मेरे शख्स मेरे अब कौन देखता है मेरे सवाल के मुंतजिर हैं खुदा ही मेरे मेरे सवाल के मुंतजिर हैं खुदा ही मेरे क्यों हैं मुंतशिर सवाल पूछता है आई नो कई सारे ऐसे वर्ड्स हैं जिनके आप मीनिंग में डाउट्स हो सकते हैं सो मी जो बेसिक हैं कल् माने कंफ्यूजन और मंदिर aवaटेडदवालमाने डाउनफॉल मेरे बवाल के मुंतजिर हैं खुदा हे मेरे क्यों हैं मुंतशिर सवाल पूछता है मुंतशिर मींसडिवास्टेड बिखरा हुआ थैंक यू।
mr. Ankit Purohit
@ankit143 · 1:13
ऐसा क्यों लगता है कहीं न कहीं वो पॉइंट मेरे लिए बनी है यह पता नहीं मुझे क्या है यह लेकिन बहुत अच्छा आपने बोला है बहुत अच्छा हो ब* मैं आपसे यह पूछना चाहूँगा कि क्या इससे फर्क पड़ता है कि आपकी बाहरी और आपके आन कैसी है। अगर आप खुश है तो मुझे नहीं लगता क्या फर्क पड़ता है। अभी कुछ समय पहले मैंने सोयल पर रिप्लाई किया था, तो उन्होंने कहा कि उसके सपने कुछ और होते हैं। उसने क्या मेहनत की होगी तो आपको नहीं पता होगा तो मोरल स्टोरी यही कि मुझे फर्क नहीं पड़ता मैं कैसा हूँ नहीं हूँ लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं?
Mann se
@Mann-mannse · 1:10
जी? बिल्कुल? ठीक? कहा आपने? कि? हमें ऐसा दादा फर्क नहीं पड़ना चाहिए? कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं? वे भी हम सोचेंगे? तो लोग क्या करेंगे? बिल्कुल? सही? बात? पर? आप? किस बात? का? जवाब? पोइम? की? लास? 2 लाइनों में हैं? कि जब सवाल के मुंतजिर हैं? खुदा ही? मेरे? तो क्यों हैं? मुंतशिर? सवाल पूछता है? जब लोगों? कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें आप पीछे छोड़ के आगे नहीं बढ़ सकते में भी कभी?