@Mann-mannse
Mann se
@Mann-mannse · 0:41

Ujaalon ki khwaish

उजालों की ख्वाहिश तो सबको होती है अंधेरों को यहां कौन चाहता है बेबसी पर हंस लेते हैं सब पर हाथ थाम कर रास्ता कौन दिखाता है खुदा की भी रहमत मुझ पर मिला मुझे मसीहा मेरा दिखाया जिसने खुशी का रास्ता मिलाया जिसने चाहत की दुनिया से पर ये थी तकदीर मेरी या फिर था नया कोई खेल तेरा जब बढ़ाया कदम नई दिशा में तू क्यों दिखने लगा 1 नया अंधेरा।
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