कर चुका हूँ जिंदगी के तमाम। फलसफों का? सफर? कर चुका हूँ जिंदगी के तमाम फलसफों का। मर? जाने को? इस पर? पुन? सवार? कैसे करूँ? कुछ छुपा नहीं है? खुली? किताब सी है? जिंदगी? मेरी? कुछ छुपा नहीं है? खुली? किताब सी? है? जिंदगी मेरी। अब। खुली? किताब से? भला? तुझसे? इजहार कैसे करू? इजहार? कैसे करू? धन्यवाद?
Kushagra verma
@Kushagraverma · 2:02
तो खुली किताब भी खुली नहीं होती। उनके हर पन्नों में हमें पलट पलट के चीजें ढूंढनी पड़ती है। इतनी मशक्कत? तो हमें 1 दूसरे को जानने के लिए करनी ही पड़ती है। आपकी। रचना सच में। बहुत ही बहुत ही अच्छी है। बहुत ही दिलचस्प है। जरा सी। हो के भी बहुत गहराई समेटे हुए है। और आपने जो कहा कि आपकी आवाज हमें पसंद नहीं आएगी? तो आपको जानकर। ये हैरानी होगी। आपकी। आवाज। बहुत ही मनभावक हैं। और कलाकार हैं। आप? तो आप यह मत कहिए कि आपकी आवाज किसी को पसंद आएगी?
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 0:48
नमस्कार। मनोज जी। इजहार बेहतरीन। कविता। शब्द, रचना। आपके। समझाने। बताने का तरीका। बेहद। खूबसूरत। और रही बात। आवाज कलाकार का काम बोलता है। आवाज अपने आप काम के पीछे पीछे चल पड़ती है। तो कभी भी खुद को किसी से भी कम मत। समझिएगा। आप। बहुत अच्छा बोलते हैं। बहुत अच्छा लिखते हैं। बस। ऐसे ही लिखते रहिये। और अपनी भावनाएं सभी लोगों के साथ शेयर करते रहिये। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद।
Swell Team
@Swell · 0:15
नमस्कार? मनोज जी। आपकी। आवाज भी बहुत अच्छी है। और आपकी कविता भी बहुत अच्छी है। आपकी कविता। इस हार पर। मुझे शेर याद आता है कि दिल सभी कुछ जबान पर लाया। दिल सभी कुछ जबान पर लाया। 1 फकत अरज मुद्दा के सिवा। 1 फकत अरज मुद्दा के सिवा। बहुत अच्छा लिखते हैं। आप। बहुत अच्छी कविता। आपने। पढ़िए। ऐसे ही लिखते। रहिये धन्यवाद।