कुछ और पंक्तियां। अपनी पुस्तक पीले का सूखी। शाही। पंक्तियों को नाम का लिबादा जो दिया है। वो है लम्हा। और पंक्तियां। कुछ तरह से हैं। जाने। कब? जिंदगी से 1 लम्हा चुराया। जानी? कब? जिंदगी से? 1 लंबा चुराया? और क*ीज की जेब में डाल लिया। जानी, कब? जिंदगी से? 1 लंबा चुराया? और क*ीज की जेब में डाल लिया। 1 उम्र तक वो लंबा दिल के साथ धड़कता रहा।
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 0:24
लंबे अक्सर याद ही बन जाते हैं। इसलिए जितना जी सकू जीलो? उस लंबे को? क्या पता? अगर जी न पाओ? तो वो याद में आपको याद भी न आ पाए? और फिर याद को कोसना मत कि वो लंबा तुम याद ही नहीं कर पाए। जिसे मैं जीना चाहता था। पर जी ही नहीं पाया।