Rashmi Gautam
@krishndiwaniRG · 0:53
तारों के शहर से आया पैगाम
तारों के शहर से आया है। पैगाम। तारों के शहर से आया है। पैगाम हरेक। तारा। चाहता। शाम का दीदार। हरेक तारा। चाहता। घनश्याम का दीदार। सूरज चांद। भी। प्रतीक्षा में। हाथ जोड़े खड़े हैं। सूरज चांद। बी प्रतिक्षा में। हाथ जोड़े खड़े हैं। कब आयेंगे? प्रभु श्री कृष्ण राह? देखते? देखते? थक गए हैं? कब आयेंगे? प्रभु श्री कृष्ण राह? देखते? देखते? थक गए हैं? पूरा ब्रह्माण।
Meri Lekhani
@munnaprajapati1 · 1:06
नमस्कार। रश्मि जी मैं मुन्ना प्रजापति। मैंने। आपकी यह कविता सुनी। तारों के शहर से आया। पैगाम काफ़ी खूबसूरत लिखा है। आपने। बहुत खुशी हुई। सुनकर। कैबी कविता लिखते रहिये। और हमारे साथ शेयर करते रहिये। हम आपकी कविताएं सुनना। चाहेंगे। और आपने जो भाव प्रकट किया है श्री हरी के प्रति। वो काफी खूबसूरत है। सराहनी है? तो आप ऐसे लिखते रहिये। बहुत खूबसूरत लिखती हैं। आप। और आपने। जो भावात्मक रूप से आपने।
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 1:02
अगर उसके दर्शन हो जाए तो सारी भवसागर से ही पार हो जाए। वो हमारी नैया तारने वाले भी हैं। पूरे जीवन को। वहीं चलाने वाले हैं। बहुत अच्छा लिखा है आपने। आप। ऐसे ही लिखते रहिये। और हम आपके आगे ऐसी ही कविताएं अच्छी अच्छी सुनना पसंद करेंगे। बहुत सुंदर। बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने। धन्यवाद।
Swell Team
@Swell · 0:15