@KHEVARIYA
Arun Khevariya
@KHEVARIYA · 3:00

सम्बन्धों के गुलाब

article image placeholderUploaded by @KHEVARIYA
डियर। सवाल कास्टर्स। मेरी कविता का शीर्षक है संबंधों के गुलाब। मैं जानता हूँ उस ओर। घाटी में। जिंदगी की आड़ी। तिरछी? पथरीली, सकरी, उतार, चढ़ाव वाली पेचीदा। पहाड़ी? पगडंडियां हैं? मैं? जानता हूँ उस ओर। घाटी में। जिंदगी की आड़ी? तिरछी? पथरीली, सकरी, उतार, चढ़ावों वाली, पेचिदा। पहाड़ी? पगडंडियां हैं। और अंतर को? चीरते। दुखों के बर्फीले? तूफान। और अंतर को? चीरते? दुखों के बर्फीले? तूफान। मैं जानता हूँ?

हिंदी कविता

@Aishani
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:22
नमस्ते। अरुण जी। आपकी कविता बहुत बहुत खूबसूरत है। और आपने इतने अच्छे से लिखा है। इतने अच्छे से। इसको अपनी आवाज में रिसाइट करके प्रस्तुत किया है। स्वर। बहुत अच्छा लगा। सके।
@KHEVARIYA
Arun Khevariya
@KHEVARIYA · 0:32

@Aishani

हाई? आशानी आपको मेरी कविता अच्छी लगी इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। और इसके साथ ही साथ आपने इस कविता पर जो अपना रिव्यू दिया है उसके लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद। क्योंकि आपके जो रिव्यूज हैं ऑडियंस के जो रिव्यूज होते हैं यही लिखने वालो को सम देने का काम करते हैं। तो उम्मीद है इसी तरह से आप अपने रिव्यूज देते रहेंगी। और मैं जल्द ही कुछ और भी कविताएं पोस्ट करूँगा धन्यवाद।
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