@kavyakaar
Meenu Babbar
@kavyakaar · 1:27

कविता --- स्वाभिमान

article image placeholderUploaded by @kavyakaar
काव्यकार का? आप सब को? नमन? दोस्तों। कैसे हैं? आप सब? मैं? मीनू बब्बर। आज फिर से अपनी 1 रचना के साथ आई हूं। और मेरी रचना का शीर्षक है स्वाभिमान। भारत से है। सब खुशियां। भारत। मेरी पहचान है। भारत से है। सब खुशियां। भारत। मेरी पहचान है। यह 1 मात्र देश नहीं? यह मेरा स्वाभिमान है। हिमालय है। शीष जिसका हिमालय है। शीष जिसका नदियों का, यह भंडार है। मीठे सलिल की सरिता से पावन हुआ ये दाम हैं जन्म भूमि, श्री राम जी की।

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@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:22
नमस्कार। मीनू जी। आपकी कविता देश भक्ति और वीर रस से परिपूर्ण है। आपने। प्रस्तुत भी बहुत अच्छे तरीके से किया है। आपने। सही कहा है? हर भारतवासी के लिए। भारत सिर्फ 1 देश नहीं है। उसका स्वाभिमान है। आपकी बात। सुनकर 2 लाइनें आ जाती हैं? आज? नहीं? आने देंगे। भारत मां की। आन? बान शान में। क्योंकि भारत सिर्फ 1 देश नहीं, हमारी मात्रभूमि हमारी जान है। और विश्व में भारत ही 1 ऐसा देश है जहां देश को माता का दर्जा दिया गया है।
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