Meenu Babbar
@kavyakaar · 2:55
कविता -- सिपाही का पैगाम
हृदय की गहराइयों से काव्यकार का? आप सब को नमन? कैसे हैं? दोस्तों। मैं? मीनू बब्बर। आज अपनी 1 सुंदर सी रचना के साथ फिर से यहाँ प्रस्तुत प्रस्तुत हूँ। जो आज की रचना है, वह मैंने पुलवामा अटैक में मारे गए। हमारे बहादुर सिपाहियों के लिए लिखी है। यह कविता। 1 सिपाही का गांव है कि कैसे 1 सिपाही अपना गाँव लिखता है? तो शुरू करती हूँ। कविता का शीर्षक है सिपाही का पय गांव। आज मेरे महबूब ने 1 पैगाम लिखा था। आज मेरे मेहबूब ने 1 पैगाम लिखा था।