Meenu Babbar
@kavyakaar · 1:31
कविता - खुशियां
काव्यकार? का? आप सबको। नमन। दोस्तों। मैं। मीनु बबल। आज फिर से आप सब के समक्ष। अपनी 1 रचना लेकर आई हूं। जिसका शीर्षक है खुशियां। छोटा। सा है जीवन। अपना छोटी। सी ये दुनिया। छोटा सा ये जीवन। अपना छोटी। सी ये दुनिया। जीवन में जो रंग भरते, वो होती हैं। खुशियां। अपनों का ही प्रेम। भाव। जीवन में। खुशियां लाता। मिल जुल कर। जब रहते, सब जीवन सुखी बन जाता। खुशियां आती हैं वहीं।
कि, पेड़, पौधे, फूल, पत्तियां, भवरे? इन सब से। जब देखते हैं इनको। तो उनसे अलग खुशी अनुभव करते हैं। बहुत अच्छा लगता है। जब प्रकृति के बीच में हम बैठ के उसको निहारते हैं। तो 1 अलग ही प्रकार की खुशियां होती है। खुशी होती है। और उस से मन जो प्रफुलित होता है। तो काम करने का उत्साह बढ़ जाता है। तो आपकी। कविता। खुशियां। बहुत अच्छी थी। ऐसे ही लिखते। रहिये। बहुत अच्छा लगा। थैंक यू।