नमस्कार? अटल जी ने खूब कहा भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं। 1 जीता? जागता? राष्ट्र पुरुष यह वंदन की धरती है। अभिनंदन की धरती। ये अरपन की भूमि है। यह तड़पन की भूमि है। इसकी नदी। नदी हमारे लिए गंगा मैया है? इसका कंकर? कंकर? हमारे लिए? शंकर? हम जीएंगे? तो इस भारत के? और मरेंगे? तो इस भारत के?

@ashdew@Ariana@LoveLiveLearn@yasiansey88@chandraramesh84@kadambarigupta@Shalini@linsvoice@rekha@ManasiIyer23@Shikha@Sam36@Priyanka@Reet.arora@Priya@s.

@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 0:47
आपकी स्व सच में बहुत अच्छी है। और आपने सब में जो देश के प्रति भक्ति प्रेम के बाब जो होते हैं। सम्मान के भाव जो होते हैं उसे अपनी शायरी से बाहर लाये हैं। और देश के प्रति जो भाव होना चाहिए, उनका जो आपकी स्वेल के जरिए आपने प्रस्तुत किए हैं। वो मुझे बहुत अच्छा लगा। आपकी हर 1 लाइन में 1 ऐसा मेसेज है जो सबको जिसका सबका पालन करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। धन्यवाद।
0:00
0:00