कोई छल कपट दिखावा नहीं करना पड़ता। इसीलिए वो खास है। वो। मेरे लिए। सो। आइए स्टार्ट करते है। पोइट्री का नाम ही है? खास है। वो। मेरे लिए। होती है। जब उनसे मुलाकात में हाले दिल बया कर जाती हूँ। किसी खास इंसान के सामने। अपनी नकाब उतर जाती हूँ। हाँ हूँ? थोड़ी इंटरोवटमैंपर। उसके सामने। थोड़ा ज्यादा बात कर जाती हूं? खोल? दूं। जिसके सामने।
Shivani Ganta
@Poem_world._03 · 1:18
हेलो? मैम मैं शिवानी? मैं पोएम लिखती हूं? तो आपका ये टॉपिक जो खास। लोगों के लिए आपने डेडिकेट किया। ये सही बात है कि हर किसी के लाइफ में। हर किसी की दुनिया में ऐसा 1 नए शख्स रहता है। जिससे आप सब शेर, सब जो एंजॉयमेंट आप उनके साथ शेयर कर सकते हो। वो किसी के साथ नहीं हो सकता। सो जो आपने पोयम लिखाया वो भी भी खूबी से। अपने दर्शाया? अपनी फीलिंग्स? उस इंसान के लिए। उस फ्रेंड के लिए। हर किसी की लाइफ में। ऐसे फ्रेंड्स तो जरूर होते हैं।
Kajal Yadav
@kajalkisihayi · 1:12
1 ही सजेशन है? इफ। कोई तुम्हें पीछे टांगता है? रोकता है? लाइफ में? तो उसको छोड़ो उस जंजीर को काटो और आगे बढ़ो। तुमको लाइफ में। किसी ने अगर कुछ नेगेटिव बातें बोल दी? या फिर कोई तुम्हे अपने लक्ष्य से भटकाए? एज? अ? गर्ल? आई? सजेस्ट? यू? कि तुम उसकी बातें सुनो? लेकिन उसे एक्शन में मत? बदलना? जब जब तुम्हे लगे की हाँ? ये सामने वाले इंसान मेरी अच्छाई के लिए बोल रहे है? तो उसकी बातें सुनो।