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भावना और स्वार्थ

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राधे? राधे। दोस्तों मेरा नाम है मनीष और मैं लिखता हूँ कहानियां पता। 1। जो संबंध होता है वह आपकी भावनाओं से जुड़ा होना चाहिए। उसकी जो आधारशिला है वो आपकी भावनाएं होनी चाहिए। अगर वो प्रेम आपके किसी स्वार्थ या किसी मतलब से जुड़ा हुआ है। तो वो प्रेम नहीं है। और ऐसे संबंध हमारी भावनाओं को बहुत आहात करते हैं। और श्रीकृष्ण भी यही कहते है रिश्तो की सिलाई अगर भावनाओं से होती है। तो उसका टूटना बहुत मुश्किल होता है।

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@Gkaushal6
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 1:15
हमें ऐसे लोग बहुत कम मिलेंगे। जो स्वार्थ हो के कोई रिश्ता आगे बढ़ाए। और अगर होंगे भी तो आगे। जिसके साथ रिश्ता निभाना चाहते हैं उसके दिमाग में भी ये चीजें होनी चाहिए। तो सुनने में ये चीजें अच्छी लगती हैं। हो सकता है कि कई लोग होंगे भी बट। आई थिंक। जिसके साथ भी आप ये रिश्ता निभा रहे हैं। वो इक्वली। दोनों के दिमाग में यह चीज होनी चाहिए कि हमें निस्वार्थ हो के इस रिश्ते को निभाना है। और आगे बढ़ाना है।
@Pragati.chopra
Pragati Chopra
@Pragati.chopra · 4:10
हाई? मनीश आपने बहुत अच्छे से एक्सप्रेस किया है। भावना? और स्वार्थ। श्रीकृष्ण? कहते हैं कि निस्वार्थ प्रेम करना चाहिए? हमें? बट? अगर? आप रियल लाइफ में? देखें। ये कहने? सुनने के लिए? बहुत अच्छा लगता है? बट? निस्वार्थ प्रेम। पेरेंट्स के अलावा? मुझे नहीं लगता? और कहीं से भी। हमें मिलता है। आप? कोई भी रिलेशनशिप को? किसी भी रिश्ते को उठा के? देख? लीजिये? आप चाहे कितना भी कर ले? छोटा सा? छोटा सा? छोटा स्वार्थ? आपका? बीच में आ ही जाता है।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

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@kahanibaaz

@Pragati.chopra

हाई? प्रगति? थैंक? यू सो? मच? आप ने रिप्लाई किया। मेरे स्व पर rलiसोरीअगर मैं समझा नहीं पाए आपने? पहले स्वेल में आई वांस टो से। अगर हम 1 रिलेशन में इनवॉल्व होने जा रहे हैं? तो हमारा जो इंटेंशन है। दैट। शुड बी, लॉयल। अगर हम किसी को चीट करने के लिए या फिर किसी बैड इंटेंशन को लेकर के 1 रिलेशन में चाहते हैं। देर शुड नॉट बी? देयर। मेरा कहने का मतलब यह था? and a? रelyappरीcिएट? the वे? you? no? expland? the? सिचुaशion? थैंक?
@kadambarigupta
Kadambari Gupta
@kadambarigupta · 1:03
मेरा यह मानना है। इस विषय पर। मैं आपका दिल से धन्यवाद करती हूं कि आप ऐसे ऐसे विषयों पर अपना। ये कहानियां सुनाते हैं? इतनी अच्छे से? बोलते हैं। आपका? उच्चारण। कितना अच्छा है? मैं हमेशा कहती हूँ? और इस स्वेल के लिए भी। आपका धन्यवाद। ऐसे ही? लिखते। रहिये। सुनाते? रहिये, राधे, राधे, जय माता?
@Feather
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 1:16

@kahanibaaz

नमस्कार? मनीष? जी? राधे? राधे। काफी समय बाद आपसे वापस मुलाकात हुई। और आपका सिर्षक? भावना और स्वार्ड। काफी देखने में अच्छा और सुनने में सुंदर लगता है। और मैंने अभी आपका स्वेल सुना। जिसमें आप कह रहे हैं कि रिश्ता यदि भावनाओं से बुना जाए तो वह काफी गहरा और मजबूत होता है। और यदि स्वार्थ के आधार पर बुना जाए तो वह पलभर में बिखर जाएगा। बिल्कुल सही कहा आपने? परंतु आज की दुनिया ऐसी है जहां पर स्वार्थ के सिवा कुछ भी नहीं मिलता।
@urmi
Urmila Verma
@urmi · 1:56
मनीष जी। आपके विचार? सुने, भावना और स्वार्थ। सच है कि प्रेम निस्वार्थ होना चाहिए। यदि प्रेम में स्वार्थ है तो वह प्रेम है ही नहीं। वह प्रेम की परिभाषा ही नहीं है। और भावनात्मक संबंध उससे बनता है। हमारा। जब हमारा उससे सच्चा प्रेम हो? शुद्ध प्रेम हो। और रिश्तों का टिकाऊ भी तब ही हो पाता है। आपने कहा कि रिश्तों की सिलाई भावनाओं से होती है? तो बहुत मजबूत हो जाता है। वो रिश्ता। वो संबंध। बहुत अच्छे विचार। आपने व्यक्त किए हैं। और आपकी।
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