नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम है मनीष। और मैं लिखता हूँ? कहानियां क? बहुत ही सुलझा हुआ? जो है। कि सुझाव है? जब भी हम परमेश्वर के सामने सर झुकाते हैं? तो आप 2 चीजें जरूर मांगिएगा? 1 कि अब जब भी आपके पास सुखाएं तो आप विनती कीजिएगा भगवान से? कि उस सुख की घड़ी में आपको? वो अहंकार न थे? क्योंकि होता क्या है? कि उस थोड़े से अहंकार की वजह से आप लोगों से जब बात करते हैं? तो आपके बात करने का तरीका बदल जाता? और जब आपके पास दुख आए?