मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 2:24
Bus tumhare liye..
wo to me? ja? a kid? done to? khud? dubate? duban? nmskar? name? manish? expeंसiem? xpres? अपने चक्कर में कम और दूसरे ही चक्कर में ज्यादा रहता है। वो ये नहीं देखते की उनको क्या मिल रहा है? वो ये देखते हैं कि अगले को क्या मिल रहा है? वो अपनी खुशी में संतुष्ट नहीं होते। वो दूसरे खुशी में ज्यादा दुखी हो जाते है। और होता क्या? है न की हम तो जिंदगी जीते होते हैं। लेकिन वो जो इंसान होता है न वो हर दिन मरता है। सारी? खुशियाँ होने के बावजूद। क्योंकि अगला इंसान खुश होता है? क्योंकि उसके पास कोई एक्सपेक्टेशन नहीं है।
Kushagra verma
@Kushagraverma · 2:53
और ऐसे एलिमेंट्स होते हैं। ऐसे एलिमेंट्स। हमें आस पड़ोस में भी मिलते हैं। ऐसे एलिमेंट्स में। रिश्तेदारों में भी मिलते हैं। ऐसे एलिमेंट्स? कुछ। कहीं न? कहीं? आपके फ्रेंड सर्किल में भी आपको मिल जाएंगे? और आप उनसे आपने कह दिया? कि हम एटलास्ट में उनसे थोड़ा डिस्टेंस बना लेते हैं? लेकिन फ्रैंकली उनसे स्टेट बनाना भी इतना आसान नहीं होता? क्योंकि रिश्ते इतने उलझे हुए हैं। हम लोगों की जिंदगी में। हम चाहते हुए भी कट ऑफ नहीं कर सकते? आपको उनको वेलकम भी करना पड़ेगा?
भगवान ने। तो हमें यह देखना चाहिए कि हमारे पास क्या नियम है? नियमतें है? ऊपर वाले की? उसका शुक्रियादा करना चाहिए। और मैं तो हर दिन कोशिश करती हूँ कि कितना भी बुरा क्यों न हो। अगर 1 भी अच्छी चीज हुई है। न? मनीष जी उसका शुक्रियादा करती हूँ। और आपकी कविता बहुत मन को दिल को छू गई। और बस ऐसे लिखते रहे। मनीष जी। बहुत सारी। आपको। मुबारक बात देती हूं कि आप इतना अच्छा लिखते हैं। आपको ऊपर वाले। कितना। कितना हुनर दिया है? लिखने का? अपनी बातें कहने का? बस।
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 0:37
नमस्कार? मनीष जी? मैं हेमासना आपका सेल सुना। बहुत अच्छी बात बोली। और बहुत सही बात बोली है। आपने। आजकल। लोग अपनी खुशी से खुश नहीं है। बल्कि दूसरों की खुशी को देखकर ज्यादा दुखी होते है। और वो ये नहीं जानते कि वो इसमें अपना ही सबसे बड़ा नुकसान करते हैं। अपने को औरों से दूर ले जाते हैं। दूसरों के दिलों में जगह नहीं बना पाते। ऐसे लोगों को। सही में। कोई भी पसंद नहीं करता। बहुत अच्छा लिखा है। आपने। आगे भी ऐसे लिखते। रहिएगा धन्यवाद।
मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 0:23
हेलो? मैडम थैंक यू सो मच आपने मेरा स्वेल सुना और आपने अपना एक्सपीरियंस बताया बहुत बहुत धन्यवाद। आपका। मैं आप सब लोगो को बहुत ज्यादा धन्यवाद देता हूँ की आप लोग मेरे स्वेल को सुनते हैं और उसपर रेस्पांस करते हैं। बहुत अच्छा लगता है बहुत बहुत शुभकामनाएं।
मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 0:28
helo। गुdvनिंगथैंक? यू सो। मच आपने। मेरा स्वेल सुना। आपने अपने क्सपीरिंसको बताया। आपने भावनाओं को आपने बताया प्लीज सुनिए। प्लीज़। मुझे बताइए की आपको क्या बुरा लगा अच्छा लगा अच्छा कर सकता हूँ। जिससे की आपको और ज्यादा अच्छा लगे। मेरे स्वेल्स को सुनने में। बहुत बहुत धन्यवाद। आपका।
Jaya Sharma
@jayasharma · 2:10
हेलो मनीष आपका स्वेल सुना। आपने सचमुच। बहुत ही सही बात कही है कि लोग अपनी खुशी से उतना खुश नहीं होते जितना की दूसरी की। दूसरों की खुशी। देखकर दुखी होते हैं। तुलसी दास जी ने भी अपनी रामायण में ऐसा ही कुछ लिखा है कि दूसरों की बढाई सुनकर। जो बुरे दिल वाले होते हैं। जिनका दिल काला होता है उनके चेहरे पर मुर्दनी सी छा जाती है। और वो दूसरे की दूसरों की खुशी देखकर जलता है। ऐसे लोग भरे पड़े हैं। दुनिया में।