मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 2:21
Kabhi viswas tutne mat dena
अगर आज टूट कर बिखरा हूँ मैं? तो मुझे पूरा विश्वास है कि ये 1 आधारशिला है। 1 नई शुरुआत की। नमस्कार? दोस्तों। मेरा नाम है मनीष। और मैं लिखता हूं कहानियां। आज का। जो टॉपिक मैंने चूज किया है वो ये है कि कभी निराश नहीं होना चाहिए। क्यों की हमेशा भगवान जो है। अगर आपको कभी दुखी करता है तो उसके पीछे 1 अनोखी सी खुशी छुपी होती है। आपको? मैं? उदाहरण दूंगा? अगर भगवान जो है कभी बादल को तोड़ता है? तो उसके पीछे 1 घनी बरसात छुपी होती है।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:33
नमस्कार? मनीष? विषय। बेहद? खूबसूरत? चुना ने। आज का आपके हमेशा के विषयों से थोड़ा अलग था। और जो भी। 1 संक्षिप्त विवरण आपने दिया। ईश्वर की इच्छा का सही? कहा? आपने? जो भी होता है उसके पीछे ईश्वर का कोई उद्देश्य रहता है? कोई कारण रहता है? हमें लगता है? दुःख है? विडंबना है? कष्ट है? क्लेश है? द्वेश है? किंतु शायद? ईश्वर हमारे लिए कुछ बेहतर सोच रहे हैं। इसलिए हमें तैयार किया जा रहा है? आगे की परिस्थिति के लिए।
Jaya Sharma
@jayasharma · 1:48
हेलो? मनीष नमस्ते? आपने। बहुत अच्छा टॉपिक चुना है। ईश्वर की मंशा क्या होती है? हम? समझ? नहीं पाते। कई दफा हम बहुत सारी मुसीबतों में फंसे होते हैं। अंत कहीं? नजर? नहीं आता? दरअसल ईश्वर हमें मजबूत मजबूत बना रहे होते हैं। वो हमें कठिनाइयों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं? सारी मुश्किलें दूर होती हैं? समय आने पर। तब तक हमें अपने प्रयास सच्चे दिल से जारी रखने होते हैं। वक्त आने पर हम परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर लेते हैं।
मेरी तरफ से बहुत बहुत नमस्कार आपने। मैंने देखा बड़े सारे इनविटेशंस जो को भेजे थे रिप्लाई के लिए लेकिन मेरे एग्जाम्स चलते मैं स्वैल्स को रिप्लाई नहीं कर सकी इस चीज के लिए मैं क्षमा मांग लिया? आज जिसपर आपने लिखा है कभी विश्वास टूटने मत देना अपना कुछ विचार प्रकट करते हुए मैं कहना चाहूंगी कि जिंदगी में उतार चढ़ाव आते ही रहते हैं किसी की भी जिंदगी जो है 1 सीधी सड़क नहीं है उसमें टेडे मेडे रास्ते हैं और हमें उन्हें टेडे मेडे रास्तों पर चलना है क्यूंकि अगर सब कुछ अच्छा ही होता रहेगा जिंदगी में तो हम कुछ भी सीखेंगे नहीं आजकल देखा जाए मैंने अभी यहाँ अपने एरिया की बात करूँ तो यहाँ हमने रिसर्च भी की थी और देखा है कि ज्यादा से ज्यादा जनसंख्या जो है वो या तो फोन में व्यस्त है यहाँ कोई और स्क्रीनिंग वाली चीजों में व्यस्त है और इन सभी चीजों से जो है आगे प्रॉब्लम्स बढ़ रही है फिर चाहे वो डिप्रेशन हो फिर चाहे वो एंग्जाइटी हो या कोई और लोगों के कनेक्शन लोगों के रिश्ते टूट रहे हैं क्योंकि सब अपने अपने फोन में व्यस्त है पहले आप देखा करते थे कि शाम को सारे इकट्ठे बैठकर खाना खाया करते थे लोगों में आपस में बातचीत थी लेकिन आजकल सब अपने अपने कमरे में है सबके पास अपना पना फोन है और इतना जो बातचीत का समय है वो नहीं है वो सारी बात अंदर ही अंदर होती है फोन में होती है तो एग्जाइल डिप्रेशन का रीजन ही क्या है? यही है कि हम जो हैं हमारे पास सुनने के लिए कोई नी है ना हम किसी को सुनाते हैं तो वो थॉट्स वो विचार वो इमोशंस वो फीलिंग्स वो सब अंदर ही सप्रेस्ट जो है दबी रहती है तो आपने जैसे कहा कि निराश नहीं हो तो है ये बिल्कुल सही है कि निराश किसके लिए हो? ना कोई अगर जिंदगी में आ रहा है तो उसका शूकर करे कोई जिंदगी से जा भी रहा है तो ठीक है वो हमें कुछ सिखाने के लिए भगवान ने उसको जिंदगी में भेजा था अब उसका किरदार उसने अपना निभा दिया तो अब वो चला गया तो निदा शो के देखो कोई फायदा नहीं है इन्सान आते हैं जाते हैं तो इस दुनिया में कुछ भी चीज पर्मानेंट नहीं है सब अपना अपना किरदार निभाने आये हैं और ये किरदार करके हमने 1 दिन यहां से चले जाना है तो बिना लालच के बिना गमण्डकीयहमें 1 दुसरे के साथ प्रेम से रहना चाहिए लेकिन लोगों को ये चीज अक्सर मानने को तैयार नहीं है अक्सर मानते भी नहीं है बड़े सारे तो आपने बहुत ही अच्छा लिखा ऐसे ही लिखते रहिये और हमें सुनाते रहिये माई बेस्ट विशिज विद यू गॉड ब्लेस यू।