@kahanibaaz

Jeevan ka satya

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम है मनीष। और मैं। लिखता कहानियां कहते हैं न कि जो कर्म हम करते हैं उसी कर्म की सजा या फिर उसी कर्म का तोहफा जिंदगी में मिलता है। और श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को दिज देते हुए कुछ चीजें बोली थी जो कि 1 कड़वी सच्चाई है संदेगरकेऔर वो हम चाहें या न चाहें हमें उसे एक्सेप्ट करना ही पड़ता है तो जो भूत काल है क्या आपको लगता है आप उसको बदल सकते हैं नहीं
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:47
कुछ पता नहीं चलता तो आपने बिल्कुल सही कहा कि अच्छे कर्म कीजिये अच्छे से जिए और इस पल को संभाल के अच्छे से जी लेना चाहिए जी लेना चाहिए थैंक यू सो। मच फॉर दिस पोडकास्ट हैव लव लीयूनिबायबाय।
@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 0:58
तो इसीलिए तुलसीदास जी भी कहते हैं कि तुलसी का या खेत है? मनसा भयो किसान पाप? पुन्य? 2 बीज है? बुवईसोलुनेनिदान? जो बीज हम बोते हैं। जो बीच हमसे बोया जाता है उसी का फल हमें प्राप्त होता है। तो आपने बहुत अच्छी तरह इस सार को हमारे सामने प्रस्तुत करने की कोशिश की। मुझे बहुत अच्छा लगा। आप ऐसे ही स्पेल्स करते रहिएगा। धन्यवाद।
@GreyMatter
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 3:12

@Kavya13

नहीं? वह धर्म मतलब आपको क्या करना चाहिए? 1 अच्छा जीवन जीने के लिए जो कि कृष्ण जी ने अर्जुन जी को भी भगवत गीता में बताया है तो वो धर्म मेरे खयाल से ज्यादा फोकस होना चाहिए और वो धर्म आप धर्म का पालन तभी कर पाएंगे जब आपके कर्म अच्छे होंगे और वो कर्म।
@TheDevilsHorse
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 5:00
क्या मनीष का टॉपिक आपने छेड़ दिया जीवन का सत्य जहाँ जन्म है वहाँ मरण है। और जीवन मरण का जो अतूल्य सत्य है वो मोक्ष है। तो ये जो साइकिल हैं न ये चलती रहेंगी जब तक आप इस जीवन मरण के सके साइकिल से बाहर नहीं आ जाते हैं। और कहते हैं न राम से। बढ़कर है न तेरा नाम। तो जो राम शब्द का जो मैंने कहीं पढ़ा और देखा भी कि जो अर्थात है जो माने हैं।
@TheDevilsHorse
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:16
तकरीबन 400 साल में 12 जनरेशन, 4094 एनसेस्टर्स और हम यहाँ सांस ले रहे हैं। और कई बार बड़ी बड़ी बातें कर जाते हैं। भाई हम सबको। ये मोमेंट 1 क्षण भर 1 लंबी सांस लेनी चाहिए। कि जिन्होने इतना स्ट्रगल किया इतनी लड़ाइयां लड़ी होंगी परेशानियां देखी होंगी दुख दर्द, पीड़ा, खुशी भी देखी होंगी और कितनी प्रेम कहानियां रही होंगी मनीष ईमान काव्या उनका उनके फ्यूचर को लेकर कोई कितनी होप रही होगी जो आज मोमेंट में मिल रहा है
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