मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 1:58
Kya me mar chuka hu?
लेकिन 1 जीवित इंसान जुकिनी कारणों से जिसकी अंतरात्मा मर चुकी हो लेकिन फिर भी वो जिंदा है आपको क्या लगता है क्या वो जिंदा है जहाँ तक मेरा अंदाजा है कि जिस इंसान की अंतरात्मा मर चुकी है और वो जिंदा है तो बस और बस उसका शरीर जिंदा है वो इंसान 1 मरी हुई शरीर के बराबर ही है विचार कीजिएगा, चिंतन कीजिएगा। बताइएगा जरूर राधे राधे।
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:25
हेलो मनीष अभी तो आप जिंदा हैं और इतनी अच्छी पोयट्री लिख रहे हैं तो मरने मारने की बात हम क्यों सोचें i think eveरythिंग is fine पोयटरी lic अगली बार कुछ जिन्दा लोगों के बारे में लिखे।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 3:19
थैंक यू मनीष आपने इन्वाइट किया जीवन का जो कुरु सत्य है वो मृत्यु हुई है ये जो जीवन मरण का ये जो साइकिल है इसका इंसान का उद्देश्य गोल क्या है मोक्ष कालेशन जो सर्कल ऑफ लाइफ डेथ से बाहर निकालना है। तो जो डे है वो सेलिब्रेशन होनी चाहिए। कि इंसान ने वो 1 साइकिल पूरी की उसने उसमें अपने कर्म निभाए पर होता क्या है
क्योंकि बहुत बहुत बड़ी बड़ी बहुत हैवी। बातें कह दी आपने मैं मैं सच में समझ नहीं आ रहा। इससे आगे क्या बोलूं बस बहुत बहुत शुक्रिया आपके इनवाइट के लिये। ऐसे लिखते रहिये। सुनाते रहिये। आपका दिन। मंगल में जयमातादी।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 2:18
सफलता का। 1। बहुत बड़ा माप है। वो? क्योंकि हमें इतना कुछ चाहिए होता है जीवन से। और उसे पाने के लिए। मेहनत करनी होती है। बहुत आपको। दिनभर। लगे होना होता है। तो जब आप दिन भर लगे रहते हो तो आपके पास अपने लिए समय कहाँ है? कुछ भी समय नहीं है। आपके पास। खुद के लिए। आप बस लगे हुए हैं। आप उस लैब के उस चूहे की तरह है? जो गोल गोल गोल गोल घूम रहा है बस चक्कर में। और ऐसे करते करते जीवन कब निकल जा रहा है? पता ही नहीं चल रहा है।
Swell Team
@Swell · 0:15
Prabudhjeet Astangi
@astangi · 1:35
manish, stain, comedian, ravi gupta की चिंता उन्हें उसी आई। थिंक। उसी बिट में है ये की आप पैदा हो ही गए हैं तो जी ही लेते है। तो मतलब यही लाइन एकदम से आई भरे दिमाग। में। अब मैंने कहा रिप्लाई में क्या लिखूँ यहाँ पर तो मैंने कहा चलो यही बोल देते है उस कॉंटैक्ट में तो कॉमेडिक कॉन्टेक्स्ट था यहाँ पर काफी लेहर लहजा दिए उस लाइन में तो यहाँ पर।