@kahanibaaz

Agar sulajh sake to..

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम है मनीष और मां। कहानियां। कभी कभी होता क्या? है न? कि हम जल्दी जल्दी में कुछ ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिंदगी में अपने जिससे कि हमें बाद में जल के बहुत पछताना पड़ता है। और अक्सर ये होता है हर किसी के साथ। और जहाँ तक मुझे लगता है कि इससे हमारा वर्ष भी नहीं चल पाता तो गलतियां होती रहती हैं। लेकिन फर्क तब पड़ता है न जब हम गलतियों से सीखना शुरू कर देते हैं। और बहरहाल हम रिश्ते की बात करते हैं। किसी भी रिश्ते को अगर हम निभा रहे हैं तो हमें उस रिश्ते को यूँ ही नहीं छोड़ देना चाहिए।
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:14
thank यू मरीज मुझे ये बात अच्छी लगी कि जो भी हम गलतियां करते हैं, वो तभी सही है, जब हम उनसे कुछ सीखते हैं। so thank you for sharing this how lovely day baby।
@Vivek.Padalia
Speaking Buddha
@Vivek.Padalia · 0:47

#vivekswellcastreply

थैंक्स? मनीष? फॉर? शेयरिंग। जो भी गलतियां हम करते हैं उनसे कुछ न कुछ सीखना बहुत जरूरी है। और यही सीखने की प्रक्रिया जो है उसका 1 तरीका है। जैसे जैसे हम आगे बढ़ते हैं जैसे जैसे चीजों को दोबारा करते हैं या इम्प्रूव करते हैं? तो यह तभी पॉसिबल है। जब हम पुरानी गलतियों से मिस्टेक से कुछ न कुछ इम्प्रूव करे। तो अवेयर ने इसके साथ कांशेसनेइसके साथ और रिफ्लेक्ट करने के बाद ही हम यह कर सकते हैं। तो बिल्कुल? सही कहा आपने? और अच्छा लगा कि, बड़े सिंपल? वे में अपनी बात को रखा? थैंक? यू वेरी मच।
@GreyMatter
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 2:24
सुप्रभात। मनीष जी। इतने सुन्दर। स्वेल में आमंत्रित करने के लिए। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद। सुबह सुबह। इतनी गहरी बात। सुनकर। सोचकर। मन प्रफुल्लित हो गया है। आपका शुक्रिया। और आपने बिल्कुल। सही बात की। कि आजकल क्या है? कि हम बैठ के बात नहीं करते? और जो मुश्किल वार तालाब हैं। जो डिफिकल्ट कॉन्वेजेशनस हैं हम उन्हें फेस नहीं करना चाहते। हम उन्हें अवॉइड करते रहते हैं। और इस वजह से होता क्या है कि जो लोग हमारे लिए इम्पॉर्टेंट है, जरूरी हैं वो छूट जाते हैं?
@tailored979
Meenu Kaur
@tailored979 · 1:14
राधे? राधे? मनीष जी? आपका स्वेल? पॉडकास्ट सुना? और बहुत अच्छा लगा। एंड? बहुत थैंक यू आपका कि आपने मुझे इसको आंसर करने के लिए इनवाइट किया। और जो आपका टॉपिक है न? वो बहुत प्यारा है? अगर सुलझा सको? तो। मुझे लगता है कि कई बार हम लोग खुद अपनी उलझनों में इतना उलझे हुए होते हैं कि दूसरे के साथ अपनी उलझन में सुलझा ही नहीं पाते? क्योंकि जब मैं खुद में उलझी हुई हूं, जब मैं खुद सुलझी हुई नहीं हूं तो मैं दूसरे के साथ अपना रिश्ता क्या सुलझा सकती हूँ? तो? और ये जो वक्त की बात है न?
@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 1:08
और जिंदगी में जो गुस्से में निर्णय नहीं लेगा वो सबसे बढ़िया चतुर व्यक्ति होगा। यह। मैं मानती हूं। आपने बिल्कुल सही कहा और सच्चे अर्ध में। आपने। इसे हम सबको समझाने की कोशिश की। मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसे ही। करते रहिएगा। धन्यवाद।
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