@kahanibaaz

Shant rahna sikh lo..

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
लेकिन अगर आप उसके चिल्लाने का जवाब चिल्लाने से देंगे तो हो सकता है वो आधे घंटे की जो लड़ाई है वो 2 घंटे में तब्दील हो जाएगी? और उसका कोई सलूशन में नहीं निकलेगा? लेकिन अगर आप शांत रहते हैं तो जब आपका मुंह काम करना बंद करता है तो आपका दिमाग काम करता है। और जब दिमाग काम करता है तो वो हमेशा आपको 1 पॉजिटिव रिजल्ट ही देता है। करना क्या चाहिए? न? कि शांति से? बैठिए? आप सबको? अब्जर्व कीजिए। लोग क्या कह रहे हैं? क्यों कह रहे हैं? वो? आखिर? ऐसा कह रहे हैं?
@smileypkt
Prashant Kumar
@smileypkt · 4:59

Shant rahna sikhe #peace #life #calm

तो जब आप शांत रह कर के किसी सिचुएशन में अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हैं तो संभावना यह है कि आप 567 यूनिट तक अपने स्किल का उपयोग कर पाए अपनी बुद्धि का उपयोग कर पाए। मगर जब हम गुस्से में चिल्लाते हैं। तो उस समय अपने स्किल का मुश्किल से हम 2 से 3 यूनिट भी यूज नहीं कर पाएंगे। क्योंकि हम उस समय अपने मन को अपने स्किल को जितना प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल करना है। वैसा करने में सफल नहीं हो पाएंगे। बैकग्राउंड में जो भी आवाज आ रहा होगा। गाने का वो गाना इसलिए आवाज आ रहा होगा क्योंकि आज सरस्वती पूजा का विसर्जन है।
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:31
thank you nis? बहुत ही थडप्रोकिंग है। सोचने का। विषय। और सच में। हम लोग रिएक्ट करते हैं। सब grd है तो मुश्किल। लेकिन जब भी रिएक्ट करने लगे। अगर हम कुछ पल के लिए रुक जाए। तो शायद हम बहुत कुछ बदल। सकें। थैंक? यू सो, मच, बा? बाई?
@its_me_patel_
Anurag Singh
@its_me_patel_ · 1:56
hi? गुड मनीष भाई। एंड थैंक यू सो? मच फॉर? पोस्टिंग? दिस वेल्थ। और मैं। आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ की ये चिड़चिड़ा होना बाहर बातों पर गुस्सा करना कहीं न कहीं डिसऑर्डर जो हमारे फिजिकली मेंटल सबको खराब कर देता है। और कहीं न कहीं हमें 1 अलग ही डिसॉर्डर या रोग से शिकार हो जाते हैं। तो ऐसे विषय में हमें खुद बैठ कर आराम से चिंतन करना चाहिए। बीज को सोचना चाहिए? उस पर विचार करना चाहिए। और सत्य है कि अगर आप उस चीज को अपने काम के साथ उस चीज को रखते हैं तो वो कहीं न कहीं 1 बेस्ट रिजल्ट देता है।
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