@kahanibaaz

अजी मुस्कुराइए

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम है मनीष। और मैं लिखता हूँ? कहानिया? होता? क्या? है न? कि हम किसी भी दुःख को? या फिर किसी ऐसी मुश्किल खड़ी को? बहुत ज्यादा तवजुदेदेतेहैं जिंदगी में। और हम इसको इतनी तवज्जो दे देते हैं कि वो जो समय है वो हमारी अहमियत कम कर देता है। और हम उस पर राज करें वो हम पर राज करने लग जाता है? बेहतर? ये है मुस्कराइए? और चीज। क्या? है? न? कि आप दुखी हुई है?
@GreyMatter
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 2:57
तो ये बहुत बहुत ही सही बात है कि सदुपयोग हमें समय का करना है। हमें। एक्सेप्टेंस जो होती है न? वो भी हमें रखनी चाहिए। 1 सेरिनिटी प्रेयर होती है? जिसमें बोला? जिसमें भगवान से हम प्रार्थना करते हैं कि यह ईश्वर हमें शक्ति दें कि हम जिन चीजों को बदल सकते हैं। जिन चीजों में परिवर्तन ला सकते हैं। उनमें ला पाए। और हमें सक्षमता प्रदान करें कि हम चीजों को, जिन चीजों को हम बदल नहीं सकते। जिनमें परिवर्तन नहीं ला सकते, उन्हें हम जैसे हैं। वैसे हम एक्सेप्ट कर लें। उन्हें हम अपना लें। जैसा है।
0:00
0:00