मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 1:49
Tum parda kar lena..
पर्दा कर लेना? तुम्हारे। सामने आई? बड़ी तमन्ना है। मेरी। इस अडवांस दुनिया में भी मेरी पत्नी सीता जैसी हो। दोस्तों मेरा नाम है मनीष और कहानिया बचपन। से। 1 तमन्ना रही है कि मेरी जिंदगी बड़ी सोर्टेड हो? और जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ मुझे पता चला कि शादी भी कोई चीज होती है। तो ऐसे ही 1 दिन मेरे दिमाग में खयाल आया कि आजकल जैसे लोग कपड़े पहन रहे हैं? वो पहनना? या न? पहनना? सब बराबर है। तो क्या? इस जमाने में मुझे?
के साथ? 1 प्रॉब्लम यह होती है कि ख्वाहिशें पूरी हो जाती है। इसलिए सोच समझ के ख्वाहिश करनी चाहिए। हमारे बुजुर्ग भी कहते थे कि जब हम कुछ मांगते हैं तो तथास्तु देव सुनते हैं? और कभी भी तथास्तु बोल देंगे? तो? इसलिए सोच समझ कर? बोलो? सोच समझ के मांगो? कि तुम क्या मांग रहे हो? तो? थोड़ी सी मंशा? अपने? और टटोलिए? कि आपको चाहिए? क्या? प्यार चाहिए? इजहार चाहिए? वो छोटी सी? शरारतें चाहिए? शर्माया चाहिए? अपने रिश्ते में? या सच में?
मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 1:58
hi? simran? thank you? so much? for no? listning? my story? and tripling? the over? and obviously? gun? kapde ka? ho? sakta? वो गुंगटआपके? संस्कार? आपका नेचर आपका स्वभाव? और आपके एजुकेटेड होने का होता है। जो कि मुझे ये दिखा दे। मुझे यह समझा दे, दुनिया को ये बता दे कि जो आपका ये स्वभाव का जो नेचर है वो आपके कैरेक्टर को दर्शाता है। आपका जो प्यार है उसको दर्शाता है। घूंघट, मतलब, बस, चेहरा, छुपा लेना ही नहीं होता।