@kahanibaaz

Kabhi bhi apni majburiya kisi ko na bataye..

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
जो आपकी परेशानियों को सुनकर के आपके मजबूरियों को सुन कर के आपकी मदद करेगा। दूसरे लोग न केवल और केवल आपके सामने बोलते हैं पीछे वो बस आपका मजाक उड़ाते हैं। हो सकता है आपका कोई दोस्त हो? कोई अच्छा जानने वाला हो। वो आपकी मदद कर देगा। लेकिन अगर वो आपकी मदद कर भी देता है तो वो कहीं न कहीं किसी न किसी के सामने आपकी बेजिद कर देता है। कि मैंने इसकी इस समय मदद की थी। क्योंकि इंसान हमेशा दिखावा करना जानता है। और मदद वो उसकी ही करता है? जो उसके तलवे चाट सके।
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:48
बिल्कुल ठीक बोला, नी आपने की आपके मां बाप बहन भाई को छोड़कर शायद कोई ऐसा होगा जो आपकी मदद करना चाहे या आप का दर्द समझ पाए this is an absolute trutsायdहoa लाइफ में जरूर कुछ लोग ऐसे मिले पार्टम फैमिली हूं have stood up in the time need बट ऐसे तो बहुत गिने चुने लोग ही होते हैं। और मैं आशा करती हूं कि आपके जीवन में कभी भी ऐसा समय न आए कि आपको किसी की भी मदद की या उसकी जरूरत पड़े। तो i think
@Vivek.Padalia
Speaking Buddha
@Vivek.Padalia · 2:45

#vivekswellcastreply

या अपने अपने व्यवहार के कारण जो भी कुछ करते हैं वो सही समझते हुए करते हैं। तो यह उनका नजरिया है? जो उनको लगता है कि वो सही है और जो कर रहे हैं सही है। वो हमारे नजरिये से गलत हो जाती हैं? चीजें? तो इसलिए सही और गलत का फर्क यहाँ पर पैदा हो जाता है। लोग इंसान मुझे लगता है कि सभी लोग अच्छे होते हैं पर स्थितियों व उनके नजरिए के नजरिए के कारण। जो चीज वो करते हैं जिस स्त्री से वह करते हैं वह अनुकूल नहीं होता उस परिस्थिति में। और यही कारण है कि स्थितियां ऐसी हो जाती है जिसमें लगता है कि लोग उस स्थिति और परिस्थिति का फायदा उठा रहे हैं। हमारे हिसाब से।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@tailored979
Meenu Kaur
@tailored979 · 2:51
तो मैं 2 पर्चियां लिख के अपने भगवान जी के आगे रख देती हूँ और फिर अरदास करके आँख बंद करके पर्ची उठा लेती हूँ और पता नहीं मुझे हमेशा ऐसा क्यों लगता है कि भगवान जी ने जो भी जवाब दिया है वो मेरे हित में ही दिया है और जब भी कभी होता न हम हम ह्यूमन हैं हमें लगता है कि थोड़ी सी बेईमानी कर लें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा तो कई बार जो पर्ची आई अगर मैंने वो उठा के उसको अनदेखा कर दिया और किया वही जो पर्ची नहीं आई थी तो मैंने परेशानी झेली है मैंने दिक्कत दिक्कत फेस करी है तो ये बात तो है अपना दुख सुख ईश्वर के साथ साझा कीजिये और किसी के साथ भी नहीं क्योंकि 1 आपके मां बाप या आपके भाई बहन ऐसे होता है जो आपके दुःख तकलीफ को सुनेंगे समझेंगे उसका हल निकालेंगे बाकि पूरी दुनिया तो सिर्फ तमाशा देखने को तैयार बैठी है धन्यवाद।
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