मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 2:03
Mashwara aur samadhan
नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम है मनीष। और मैं लिखता हूँ कहानिया kate की। किसी बात पर चर्चा करते हैं से सहमत न होते तो धीरे वो बात जो तर्क में बदल जाता है। और तर्क से कब वो बहर से बदल जाता है। हमें मालूम नहीं पड़ता। और कहते हैं न कि जब तक बातें होती है तब तक रिश्ते बरकरार रहते हैं। जैसे ही उन बातों में अहम आ जाता है या उन बातों में मैं की भावना आ जाती है वो लड़ाई में तब्दील हो जाती है। और श्री कृष्ण कहते है की मशहरा जो है हमेशा बेहतर होता है लड़ाई से। क्योंकि जो लड़ाई होता है न उसमें हम हमेशा ये देखते हैं कि कौन सही है?
नमस्कार? मनीष जी? राधे? राधे? जय? माता जी। मैं आपका स्वेल। बहुत समय बात सुन रही हूं। और मुझे बहुत इंतज़ार था कि आप कब अपना स्वेल डालेंगे? और कब? मैं? सुनूंगी? आपने बहुत महत्वपूर्ण बात कही है कि लड़ाई झगड़ा करके रिश्ते खराब होते हैं? लेकिन शांति से बात करके मसले हल हो सकते हैं। मनीष जी। मुझे लगता है आपने इतनी महत्वपूर्ण बात आजकल के टाइम पे कही है? क्योंकि हम इतने गुस्से में आ जाते हैं। कोई हमें कहते कि अपने घर वालों के बारे में कह देता है?
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 4:05
नमस्कार मनीष जी ये पहला स्वेल कास्ट है। आपका जिस से मैंने सुना है तो काव्या का बहुत बहुत शुक्रिया कि उन्होंने मुझे आपके स्वर में आमंत्रित किया और कितनी गहरी और कितनी बड़ी बात बोल दी आपने 2 मिनटों में कि जब हम लड़ाई करते हैं तो ये चीज महत्वपूर्ण होती है कि कौन सही है पर जब हम मश्वरा करते हैं जब हम बातचीत करते हैं तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या सही है तो यह कौन सही से क्या सही तक का