@kahanibaaz

Hamesha dukh ka karan hum khud nahi hote

article image placeholderUploaded by @kahanibaaz
बहुत अच्छा होता है? लेकिन वो अच्छाई करते समय यह सोचता नहीं कि उसे कब वो अच्छाई करनी? कम कर देनी है? या फिर बंद कर देनी है? और वो वहीं मात खा जाता है। और वही 1 ऐसी परिसितिउसइंसान की जिंदगी में आती है? जहाँ पर उसे प्रॉब्लम दिक्कतों की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विचार कीजिएगा सोचिएगा राधे राधे।
@Gamechanger
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:55
लगता है कि हमारी नेचर के ऊपर डिपेंड करता है? क्योंकि जो लोग अच्छाई करते है वो उसे करने से रुक नहीं पाते। न चाहते हुए भी वो हर बार अच्छा ही करेंगे हेल्प कर देंगे? जानते हुए भी कि दूसरा हमारे एडवांटेज ले रहा है? फिर भी? तो i think nec तो? और जो एडवांटेज ले रहा है वो भी लेता जाएगा? क्योंकि उसकी नेचर ऐसी है? तो उसपर तो हम कुछ कर नहीं सकते हैं? हाँ? यह हो सकता है कि कभी तो हमें समझ में आएगा कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए? और फिर भी मुझे ऐसा लगता है कि जो नीचे वो बदलना बड़ी मुश्किल है। हो सकता है कि परिस्थिति को देखने का नजरिया?
@kadambarigupta
Kadambari Gupta
@kadambarigupta · 0:52
बहुत बहुत नमस्कार। मनीष जी जय माता दी। सबसे पहले इनवाइट करने के लिए। मैं आपको थैंक्यू करती हूँ। आपने सही कहा है की हमेशा दुख का कारण हम खुद नहीं होते हैं। लोग। कई बार हमें बहुत दुःख पहुँचाते हैं और वो रह रह के दुख पहुँचाते हैं। हर दिन गंदीगंदी बातें करते हैं। हर दिन हमारा अपमान करते हैं। तो अगर वो हमारे साथ बुरा कर रहे हैं। तो मेरे को तो लगता है कि हमें उन्हें न तवज्जु इनही देनी चाहिए? दूर ही रहना चाहिए। जितना हो सके। क्योंकि अगर हम उनके साथ बुरा करेंगे तो हमारी जो एनर्जी है।
@challasrigouri
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 0:46
हाई? मनीष जी। आपने बिल्कुल सही कहा। हमें हर। जब हम परोपकारी बन जाते हैं। तो हर पल में हम सिर्फ परोपकार करने में ही लगे रहते हैं। पर हम यह नहीं सोचते कि अगर मैं संकट में हूं तो मेरे पास भी 1 ऐसा इंसान है? जो मुझे मेरी मदद कर सकता है या नहीं? यह बात हम बिल्कुल भी नहीं सोचते। और आपने सही कहा? कभी कभी यह भी बहुत जरूरी है कि हमारे पास। अगर हम दर्द में हैं हम दुख में हैं?
0:00
0:00