मनीष श्रीवास्तव
@kahanibaaz · 2:11
Bhagya aur karm
नमस्कार? दोस्तों, राधे राधे। मेरा नाम है मनीष। और मैं। काम। कहानियाँ। आज की जो कहानी लिखी है मैंने वो यह लिखी है कि इंसान जब तक खुश रहता है उसे किसी से कोई मतलब नहीं होता। लेकिन जैसे ही इंसान की जिंदगी में कोई प्रॉब्लम कोई बाधाएं आनी शुरू होती है। या तो वो किसी को उस बाधाओं के लिए लांछन लगाता है? या फिर अपने भाग्य को दोष देता है की मेरे भाग्य खराब है। और मेरे भाग्य में। यही लिखा था फलाना टेम का।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:33
हाई? मनीषी दिस। इस फेदर। आपने बिल्कुल सही कहा कि हमें बहुत अच्छे कर्म करने चाहिए। उसकी वजह से भाग्य अपने आप बदल जाता है। सो बिल्कुल सही कहा आपने? और यह बात बिल्कुल सही है। इंसान के कर्म ही इंसान का भाग्य निश्चित करता है। तो आपका ये फिल्म मुझे। काफी अच्छा लगा। थैंक यू वेरी मच। उसी तरह पोस्ट करते रहिये। और हमें नई नई चीजें और वाक के बताते रहिये। और थैंक यू वेरी मच।
नमस्कार? मनीष? जी? राधे? राधे? जय? माता दी? मैं ऐसा मानती हूँ कि भाग्य में क्या लिखा है? वो मैं? नहीं जानती? अभी? क्या होगा? कल? मेरे साथ? क्या होगा? आगे? मैं? 1 महीने में क्या होगा? सालों में? क्या होगा? लेकिन हाँ? अपने कर्म को ठीक कर सकते हैं? कोई गलती की? तो माफी मांग सकते हैं? और ये कह सकते हैं कि जो हम करेंगे वैसा हमें मिलेगा? क्योंकि वो कहते हैं न? इंग्लिश में वाट गोल? राउंड?
Swell Team
@Swell · 0:15
Shobhana Nair
@nairshobs · 2:56
कि जब दुख हो तो किसी को भी ब्लेम नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से हुआ उसकी वजह से हुआ? नहीं। वो होना था। और हर 1 दुख जो है। जब इंसान की जिंदगी में कोई दुःख आता है? या कोई चीज? किसी मान लो? किसी की वजह से हो भी गया तो वो आपको कुछ सीख नहीं कर जाता है। वो आने की वजह? या किसी को किसी की वजह से अगर हुआ है। तो वो इंसान मात्र निमित्त बनता है। उसके लिए। बट? इट? टीच, यू फ्री? मिस्टेक? एवरी, पर्सन? जो। आपकी जिंदगी में।
Shivani Ganta
@Poem_world._03 · 1:35
हेलो मनेसर राधे राधे। आपका। जो स्पैल था। बहुत ही खूब था। सर से। आपने बताया। दर्शाया कि हमारे कर्म से हमारा भाग्य तय होता है। यह सच है कि हम जो भी आज करेंगे वो हमारी कल की। खुशी के लिए हम डेडिकेट करना चाहेंगे। और जब हम सफल हो जाएंगे। तो हम अपने आप को ही थैंक्यू बोलेंगे धन्यवाद बोलेंगे कि हमने हमारा भाग खुद ही से अपने कर्मों से कर दिया है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है अपने कर्मों से अपना भाग्य नष्ट करने के लिए रह जाते हैं। तो ऐसे में भाग्य और कर्म बहुत कुछ मायने रखता है।