अब आगे इसको मैं शायरी तो नहीं? खाउंगी? नहीं? 4 पंक्ति खाउंगी न ही शहर कह पाउंगी? तो आप ही बता दीजियेगा कविता भी नहीं है मेरे ख्याल से। सब जस बात ही है तो जस बात समझ लीजियेगा दिल से दिल यूँ ही नहीं मिला करते जिस्म को उतारने से इश्क नहीं हुआ करता खालिस होना पड़ता है सामान्य से फना होना पड़ता है तभी तो इश्क होता है रू से आगे इश्क दिखता है लब चेहरा अदा अना दिखता है जहाँ से ऊपर उठकर इश्क होता है सबसे लड़ कर मिलना होता है दर्मियां जमाना हो तो दर्मिया जमाना हो तो लड़ जाओ उससे उल्फत है बहुत सांसों का मिलना जरूरी होता है तो बताइएगा आपको कैसा लगा? मैं जानती हूँ कुछ शब्द उर्दू की मैंने ऐसे इस्तेमाल किए हैं लेकिन आशा करूँगा अगली बार जब भी मैं रिकॉर्ड करूँ तो कोशिश करुँगी कि इनके मतलब भी आपको साथ साथ बताऊँ ताकि आपको भी पता चले कि उर्दू अगर हिंदी की बहन मानी जाती है तो कितनी खूबसूरत होती है? 4 पंक्ति और बढ़ती है और फिर अपनी जगह लुंगी इश्क जाविदानी है? इश्क जाविदानी है? जमाना भी है जिंदगानी है जाविदानी यूं जिंदगानी होती नहीं उल्फत चाहो तो जिंदगानी चुनना उलफत चाहो तो जिंदगानी चुनना और फिर जावेदानी से जिंदगानी भुनना अब इसमें कुछ मतलब मैंने खुद से नहीं बताना चाहा मैं चाहती हूँ कि आप खुद कुछ शब्दों के अलफासों के मतलब गूगल करे और फिर देखे की कितने प्यारे मतलब है इन अलफाजों के आपको खुद? अच्छा लगेगा तो आज के लिए ये 3 शायद काफी है आप लोगों के लिए। क्योंकि मुझे खुद नहीं पता तो अब यह कुछ ख्वाब कुछ प्यार कुछ ख्याल में भी कुछ कुछ कुछ करके सब कुछ आप पर छोड़ती हूँ और मुझे जरूर बताइएगा कमेन्ट कर के की कैसा लगा कौन सी वाली सबसे अच्छी लगी कौन सी? सबसे प्यारी लगी? ऐसे कर कर के? और अब अपनी जगह लेती हूँ शुक्रिया आप सबका।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:42
गुड? मॉर्निंग काव्या? जी? बहुत खूबसूरत। शायरी। और आपकी। पहले शेर का जवाब में। शेर। कहना? चाहूंगी? वैसे? तो ये बहुत खूबसूरत गज़ल है। आपने। जरूर सुनी होगी? कभी? किसी को कम्बल? जहाँ नहीं। मिलता। कभी जमी? तो कभी आसमान। नहीं। मिलता। तो मुकम्मल कुछ भी नहीं है इस दुनिया में। और ये जो मुकम्मल नहीं है। यह जिंदगी की जिंदगानी की खूबसूरती है। बाकी। सभी। शेर बहुत खूबसूरत थे। आपने। बहुत अच्छे से लिखे भी।