@jitendra__lko
Jitendra Singh Yadav
@jitendra__lko · 1:22

खिड़की से

article image placeholderUploaded by @berojgaar_lknwi
वो थी? किसी के साथ कमरे में दिखा खिड़की से। वो ठीक? किसी री के साथ? कमरे में दिखा। खिड़की से। मगर राखों उठा परदा गया। खिड़की के तुम ही नहीं हो? जिसमें मेरा हक किसी और को दे दिया? तुम ही नहीं हो? जिसने मेरा हक किसी और को दे दिया, वे वाक्या मेरे साथ उम्र भर कोई न कोई दोहराता रहा है, बहन। मेरी आँखों से तेरे चले जाने के बाद ही। बहन। मेरी आँखों से तेरे चले जाने के बाद। मेरा खून तो सारा जला दिया है। बड़ा? कठिन मेरे दिल को?

#shayri #poetry #pain

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