इस देश का इतिहास। जयचंदों की कमी नहीं, इस देश में। जयचंदों की कमी? नहीं। इस देश में। जो निहित स्वार्थ की पूर्ति सत्ता लोलुपता में, निकृष्टतम हद पार कर जाते हैं, जो निहित स्वार्थ की पूर्ति सत्ता लोलुपता में, निकृष्टतम हद पार कर जाते हैं। उन्हें नहीं। देश की चिंता। उन्हें नहीं। देश की चिंता। उन्हें तो फकत अपने अस्तित्व की चिंता है। उन्हें तो फकत अपने अस्तित्व की चिंता। है। उस। अकेले। महान, शख्स को? पता नहीं।